हवा के विपरीत सबको साथ ले जाना संघटना का उद्देश्य, राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होगी उदयपुर में
उदयपुर। आज के युग की जरूरत के हिसाब से समाज को काम करना चाहिए। समाज का मार्गदर्शन करना ही भारतीय जैन संघटना का काम है। आज आईटी, कम्प्यूटर प्रोफेशनल्स का जमाना है तो सभी बच्चे आईटी, कम्प्यूटर्स में दौड़ रहे हैं लेकिन आने वाले पांच-आठ साल बाद क्या होगा, इसका किसी को अंदाजा है। यही काम संघटना करता है। धारा की हवा के विपरीत चलकर सभी अपने साथ ले आना संघटना का काम है।
ये विचार संघटना के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रफुल्ल पारीख ने व्यक्त किए। वे संघटना के उदयपुर चैप्टर की ओर से आयोजित स्वागत समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक उदयपुर में करने का आश्वासन दिया। पारीख ने कहा कि आज आईटी और कम्प्यूटर के बजाय नैनो टेक्नोलोजिस्ट्स का पैकेज कम से कम पन्द्रह गुना अधिक है। जिसने पांच साल पूर्व नैनो टेक्नोलोजी को समझ लिया, उसने वही पकड़ लिया और जमाने के साथ चल रहा है। समाज को जमाने की रफ्तार को समझना होगा और ़उसे पकड़कर अपने युवाओं को उस राह पर ले जाना होगा।
दो व्यक्ति आपस में कोई भी वस्तु बांटेंगे तो एक-एक दोनों के पास होगी लेकिन अगर विचार, आइडिया शेयर करेंगे तो दोनों के पास दो-दो विचार हो जाएंगे। जैन समाज में सामायिक का बहुत महत्व है लेकिन आज के युवाओं को इतना समय नहीं है। उन्हें सामायिक का वैज्ञानिक अर्थ समझाकर सामायिक करवाएं। सामायिक यानी 48 मिनट तक एकाग्रचित्त होकर स्वयं के बारे में चिंतन और मनन करना। प्रभु का सिर्फ नाम मत लो लेकिन उसके काम करो।
समाज के हर घर में परेशानी का आलम है। मजबूत समाज के लिए मजबूत परिवार की जरूरत है। कठिनाईयां भी बहुत है। उपर से समाज सुखी है लेकिन गहराई से देखें तो हकीकत पता चल जाएगी। आज के बच्चे बहुत इंटेलीजेंट हैं। तकनीकी ऐसी आ गई है कि आप बच्चों के सामने कुछ नहीं सोच पाते। उन बच्चों के लिए समाज के पास क्या योजना है। ऐसे ही चौथी कक्षा के बच्चों के लिए संघटना ने स्टुडेंट एसेसमेंट प्लान बनाया है जिसका टेस्ट देकर उसकी मेंटल फिजिकल आदि एबिलिटी का पता लगाया जा सकता है। आज 140 तरह के विषयों में इंजीनियरिंग हो रही है लेकिन खुद को ही नहीं मालूम तो बच्चों को कैसे बताएंगे?
राष्ट्रीय महासचिव राजेन्द्र लुंकड़ ने कहा कि अच्छे राष्ट्र की परिभाषा अच्छे परिवार से शुरू होती है। अच्छा परिवार, समाज, शहर, राज्य और फिर देश। शादी समर्पण, संवेदना का नाम है। जहां प्यार है, वहां गलतियां नहीं दिखती और जहां गलतियां है, वहां प्यार हो ही नहीं सकता। संघटना का एम्पावरमेंट ऑफ कपल का यह कार्यक्रम देश भर में किया जा रहा है। उदयपुर में भी जल्द ही होगा। आज विवाह तय करने के तरीकों में बदलाव की जरूरत है।
कार्यक्रम में प्रदेशाध्यक्ष सम्प्रति सिंघवी ने स्टेट स्तरीय मीटिंग के सफल आयोजन पर बधाई देते हुए कहा कि उदयपुर चैप्टर जल्द ही देश के सभी चैप्टर में नम्बर वन पर होगा।
उदयपुर चैप्टर अध्यक्ष राजकुमार फत्तावत ने कहा कि संघटना देश का एकमात्र ऐसा संगठन है जो हवा के विपरीत विषयों को सोचकर उस पर शोध करता है और उसे देश भर में पहुंचाता है। संघटना के पदाधिकारियों को कभी नाम का लालच नहीं रहा, भले ही संघटना के बैनर तले काम हो या न हो लेकिन जो काम किया जा रहा है, उसका लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंच जाए, ये जरूर सुनिश्चित करें। कार्यकर्ता वो ही है जिसके मन में आग, मस्तिष्क में शांत, पैर में चक्कर और मुंह में शक्कर हो। आरंभ विजयलक्ष्मी गलुण्डिया एवं समूह के मंगलाचरण से हुआ। आभार चैप्टर के सचिव अभिषेक संचेती ने व्यक्त किया।