बालिकाओं के सशक्तीकरण पर दो दिनी सेमिनार का उद्घाटन
उदयपुर। हम खुश तो रहना चाहते हैं लेकिन उदास रहते हैं क्योंकि हमारे सामने समस्याएं बहुत हैं। मन के अनुसार चीजें नहीं होती तो समस्याएं पैदा हो जाती है। हम किसी ओर को तो बदल नहीं सकते लेकिन खुद को तो बदल ही सकते हैं।
ये विचार भारतीय जैन संघटना की उज्जैन से आई मास्टर ट्रेनर अमिता जैन ने व्यक्त किए। वे रविवार को भारतीय जैन संघटना के उदयपुर चैप्टर, जीतो (जैन इंटरनेशनल ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन) एवं श्री महावीर युवा मंच संस्थान के साझे में बालिकाओं के सशक्तीकण पर रविवार को थोब की बाड़ी में आयोजित दो दिवसीय सेमिनार के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि अपने आप में क्षमता तो बहुत हैं लेकिन आवश्यकता है इसे पहचानने की। अंदर जो है, हमारे पास है वह बांटेंगे तो सभी खुश होंगे। शिविर में बिल्कुल रिक्त होकर बैठें ताकि कुछ ग्रहण कर सकें। बीजेएस के पास 400 से अधिक विशेषज्ञों का दल है जो ऐसे विषयों पर निरंतर रिसर्च करता रहता है और समयानुरूप पाठ्यक्रम जारी करता है।
जैन ने बताया कि इन दो दिनों में हम यहां च्वाइस एंड डिसीजन, सेल्फ एस्टीम एंड सेल्फ डिफेंस, कम्युनिकेशन एंड रिलेशनशिप, फ्रेंडशिप एंड टेम्पटेशन तथा सेल्फ अवेयरनेस पर चर्चा कर बालिकाओं को इन विषयों को गहराई से समझाया जाएगा।
संघटना के उदयपुर चैप्टर अध्यक्ष राजकुमार फत्तावत ने स्वागत उद्बोधन में कहा कि बालिकाओं के सशक्तीकरण का यह दूसरा शिविर है। वर्तमान मैकाले की शिक्षा पद्धति सिर्फ किताबी ज्ञान होकर रह गया है। परिवार में कैसे रहें, नए परिवार में कैसे एडजस्ट हों इस पर भी ध्यान देना आवश्यक है। यह शिविर जीवन को परिवर्तित करने वाला शिविर साबित होगा।
विशिष्ट अतिथि थोब की बाड़ी श्रीसंघ के अध्यक्ष मनोहरसिंह नलवाया ने शिविर की सार्थकता बताते हुए इसे बालिकाओं के लिए अति आवश्यक बताया। विशिष्ट अतिथि के रूप् में जीतो महिला विंग की अध्यक्ष मधु मेहता भी मौजूद थीं। इससे पूर्व अतिथियों का उपरणा ओढ़ाकर स्वागत किया गया। कार्यक्रम के आरंभ में दीप प्रज्वलन किया गया। संचालन विजयलक्ष्मी गलुण्डिया ने किया। आभार बीजेएस के सचिव अभिषेक संचेती ने जताया।