उदयपुर। द यूनिवर्सल सीसै स्कूल फतहपुरा का 22 वां वार्षिकोत्सव आज टाउनहॉल स्थित सुखाड़िया रंगमंच पर आयोजित किया गया। जिसमें समोर बाग स्थिन किड्स प्लेनेट के नर्सरी से लेकर द यूनिवर्सल स्कूल के 12 वीं तक के 800 से अधिक बच्चों ने फिल्मी एवं देशभक्ति गीतों पर बी द इन्स्पिरेशन थीम पर रंगारंग प्रस्तुति दे कर हॉल में उपस्थित सैकड़ों दर्शकों को रोमांचित कर दिया।
समारोह के मुख्य अतिथि महापौर चन्द्रसिंह कोठारी,विशिष्ठ अतिथि उप निदेशक शिवजी गौड, बह्म कुमारीज की रीटा बहन थी जबकि अध्यक्षता मधु सरीन ने की। सभी ने प्रारम्भ में मां सस्वती के चित्र पर दीप प्रज्ज्वलित कर समारोह की शुरूआत की।
समारोह में बाॅलीवुड़ के निर्देशक रमेश तिवारी, आशवाणी के सेवानिवृत्त अधिकारी माणिक आर्य,अपर पुलिस अधीक्षक अशेाक मीणा का विद्यालय के प्रबन्ध निदेशक संदीप सिंघटवाड़ि़या द्वारा सम्मान किया गया।
समारोह को संबोधित करते हुए मोनिका सिंघटवाड़िया ने बताया कि समारोह देश के बड़़े-बड़े प्रेरणादायी जीवन के व्यक्तित्व वाले व्यक्तियों को समर्पित करते हुए बच्चों ने रंगांरग कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी।
विद्यालय की प्राचार्या मधु योगी ने बताया कि लता मंगेशकर, ख्यातनाम लोक गायिका तीजन बाई की जीवनी को पधारो म्हारे देस..,अमिताभ बच्चन की जहंा तेरी से नज़र है…,कल्पना चावला की कुछ पोन की हो आस..,लुका छिपी बहुत हुई.., पर बच्चों ने दर्शनीय प्रस्तुति दे कर सभी दिल जीत लिया।
उप प्राचार्या शमशाद खान ने बताया कि सीनियर बच्चों ने विश्व के महान आईकोन चाणक्य को साम, दाम, दण्ड, भेद, चार्ली चेपलिन को ओनली फनी.., मलाला ताई को मैं हूं,मैं थी, मैं रहूंगी.., खली को खून में है तेरे मिट्टी.., एयर होसटेज नीरजा को अंगुली पकड़ कर फिर से.., विश्वनाथ आनन्द को कूकड़ू कू.., एम.एफ.हुसैन को खोल दे खोल दे दरवाजे..,बिरजू महाराज को तक धुन धुन.., माइकल जैक्सन को मैं हूं, मेरे जैसा कोई…, मदर टेरेसा को राह दिखा दे मैं कोैन हूं… ,स्वामी विवेकानन्द को खुदा कहां बैठा है तू..,कर्नल हारलैण्ड को जिंदा है सेहरा.., धीरू भाई अंबानी को आजमा अपनी किस्मत की बाजी.., पर संदेशात्मक प्रस्तुति देकर उपस्थित सभी दर्शकों का दिल जीत लिया।
प्रबन्ध निदेशक संदीप सिंघटवाड़िया ने कहा कि वर्तमान में विद्यालयों में शिक्षा के साथ-साथ अन्य प्रकार की गतिविधियां भी आयोजित होनी चाहिये ताकि बालक का मानसिक विकास साथ-साथ शारीरिक एवं बौद्धिक विकास भी हो सकें।