वस्त्र मंत्रालय के सहयोग से 23 पीपीई मशीनों का आयात कर अब तक बनाए 15 हजार पीपीई किट
कोराना कर्मयोद्धाओं के रूप मंे सेवा देने वाले चिकित्साकर्मियों एवं चिकित्सकों के सहयोग के लिए विश्व की प्रमुख तेल, गैस एवं धातु उत्पादन कंपनी वेदांता लिमिटेड गुरूग्राम में बडे पैमाने पर व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण के रूप में पीपीई का उत्पादन किया जा रहा है।
कंपनी ने हाल ही में केंद्रीय वस्त्र मंत्रालय के सहयोग से 23 पीपीई मशीनों का आयात किया है, और अधिकृत परिधान निर्माताओं के साथ मिलकर 5000 से अधिक पीपीई प्रति उत्पादन सुनिश्चित किया है।
पीपीई चिकित्सा कर्मियों के लिए सुरक्षा का महत्वपूर्ण संसाधन है और अन्य देशों की तरह भारत में भी स्वास्थ्य कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए पीपीई उपलब्ध कराने के लिए अथक प्रयास किए जा रहे है जिसमें सहयोग देते हुए वेदांता ने अब तक लगभग 15,000 पीपीई का उत्पादन किया है। कंपनी द्वारा व्यावसायिक इकाईयों के माध्यम से 3.5 लाख से अधिक मास्क प्रदान किए हैं और स्वास्थ्य मंत्रालय को 2 लाख एन 95 मास्क उपलब्ध कराएं हैं।
इस सहयोग के लिए वस्त्र मंत्रालय के प्रधान सचिव, रवि कपूर ने वेदांता समूह का आभार प्रकट करते हुए कहा कि एईपीसी को पीपीई के निर्माण के लिए कंपनी ने आवश्यक मशीनरी मुहैया कराकर अनुकरणीय कार्य किया है। जो कि वर्तमान समय में अग्रिम पंक्ति के चिकित्सा कर्मियों एवं चिकित्सकों के लिए आवश्यक है, उन्होंने आशा व्यक्त की कि आगामी समय में भी वेदांता इसी प्रकार अग्रणी भूमिका निभाएगा।
वेदांता के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने कहा कि “भारत ने कोविड-19 के प्रभाव से लड़ने में व्यापक एकजुटता दिखाई है। वहीं वैश्विक महामारी के समय सद्भावना दिखाते हुए कई देशों में महत्वपूर्ण दवाओं की आपूर्ति की है। उन्होंने विश्वास जताया कि हम जल्द ही इस स्थिति से उभरेगें। हम एक नये भारत के निर्माण की ओर अग्रसर है। इस लाॅकडाउन को एक परीक्षण के रूप में लेकर हमें आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था बनाने का प्रयास करना होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सही कहा है कि आत्मनिर्भरता सबसे बड़ा सबक है जो हमने कोविड-19 से सीखा है। अग्रवाल ने कहा कि एक छोटे से गांव से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक की बुनियादी आवश्यकताओं को स्थानीय स्तर पूरा करने की आवश्यकता है जिसमें वेदांता उत्प्रेरक की भूमिका निभाएगा।
वेदांता समूह द्वारा कोविड-19 के खिलाफ सहयोग में अग्रणी भूमिका निभायी जा रही है। कंपनी द्वारा अब तक स्थानीय जरूरतमंद लोगों को निवारक स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करने और दैनिक मजदूरी श्रमिकों को मुफ्त भोजन वितरित करने पर 151 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।
वेदांता समूह की कंपनी हिंदुस्तान जिंक द्वारा एक अभिनव पहल शुरू की गयी है जिसमें सखी स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं ने ग्रामीण स्तर पर अब तक 8 हजार किलो से अधिक अनाज एवं दालें एकत्रित करते हुए ग्रेन बैंक की स्थापना कर खाद्यान्न जुटाया है जो कि जरूरतमंद एवं मजदूरों तक मदद पहुंचा रहा है जिसे वेदांता की अन्य इकाईयों द्वारा भी अपनाया जा रहा है।
वेदांता लांजीगढ़ क्षेत्र में स्थानीय समुदाय को टेलीमेडिसिन की सुविधा प्रदान कर रहा है, जिससे चिकित्सकों से सीधे जुड कर मरीजों को मुफ्त परामर्श में मदद मिल रही है। बाल रोग विशेषज्ञ, हड्डी रोग विशेषज्ञ, जनरल फिजिशियन और आयुष डॉक्टरों सहित विशेषज्ञ डॉक्टरों की एक टीम हर दिन फोन और व्हाट्सएप पर बीमार लोगों को परामर्श दे रही है एवं वेदांता हाॅस्पीटल की फार्मेसी से मुफ्त में दवाइयां दी जा रही है।
वेदांता ने अपोलो हॉस्पिटल्स के सहयोग से, कर्मचारियों को लॉकडाउन के दौरान समय पर स्वास्थ्य देखभाल की सलाह सुनिश्चित करने के लिए चैबीसो घण्टे हेल्पलाइन की स्थापना की है। जो कि सभी कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए उपलब्ध हैं।
कंपनी यह सुनिश्चित करने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठा रही है कि लॉकडाउन के दौरान सामुदायिक विकास कार्यक्रम निर्बाध रूप से जारी रहें। वर्चुअल तकनीक-आधारित अनुप्रयोगों का उपयोग कर ऑनलाइन शिक्षण के माध्यम से शिक्षा संबल और ऊंची उडान के आकांक्षात्मक कार्यक्रमों को जारी रखा जा रहा है। खेल भी वर्चुअल कक्षाओं के माध्यम से ही जारी रखते हुए जिं़क फुटबाॅल एकेडमी के बच्चों को नियमित दैनिक कार्य दिया जाता है जिससे उनका दैनिक अभ्यास ना छूटें।