कोर्ट में लगा जमावड़ा
उदयपुर। एनआरआई से रिश्वत के मामले में दो दिन के रिमांड के बाद आज सुबह कोर्ट में डिप्टी जितेन्द्र आंचलिया और अन्य को पेश किया गया जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। वारों आरोपियों को आज कोर्ट में पेश करने के दौरान खासा जमावड़ा रहा। इनके विरोध और समर्थन में नारे भी लगे। उल्लेखनीय है कि आंचलिया को कन्हैयालाल मर्डर कांड में प्रथम दृष्टया लापरवाही पाने पर एपीओ किया गया था जहां से हाल ही उनकी बहाली हुई थी।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक दिनेश एमएन के निर्देश पर जयपुर से आई एसीबी की टीम ने उप अधीक्षक जितेंद्र आंचलिया को गिरफ्तार किया था। एनआरआई से रिश्वत लेने के मामले में उदयपुर पुलिस अधीक्षक विकाल शर्मा ने सुखेर थाने के उप निरीक्षक रोशनलाल को निलंबित किया था। इस मामले में डिप्टी जितेंद्र आंचलिया की भी संदिग्ध भूमिका की शिकायत मिली थी। आंचलिया पर पीडि़त एनआरआई पर जबरन दबाव बनाकर समझौता कराने का आरोप है।
यह था मामला
सुखेर थाने में उदयपुर मूल के एक एनआरआई ने भूखंड विवाद का मामला दर्ज कराया था। उसमें बताया गया कि उसके बड़े भाई ने भुवाना क्षेत्र में एक बड़ा भूखंड साल 2007 में खरीदा था। उस समय बड़े भाई ने उसकी पत्नी के नाम भूखंड के एक हिस्से की लीज डीड लिखी थी, लेकिन भाई की मौत के बाद उनकी पत्नी ने पूरी जमीन पर कब्जा करना चाहा, जिस पर उसने सुखेर थाना पुलिस से मदद ली थी। इसके विपरीत सुखेर थाने के जांच अधिकारी उप निरीक्षक रोशनलाल ने पहले उनसे 20 लाख रुपए रिश्वत की मांग की, जबकि आरपीएस आंचलिया ने दोनों पक्षों के बीच समझौता कराने के लिए बड़ी राशि की रिश्वत की डिमांड की। उन्हें दबाव में लेकर पंचवटी क्षेत्र की होटल में परिवादी को बातचीत के लिए बुलाया। इसकी सूचना परिवादी ने पहले से ही एसीबी को कर दी थी, जिसमें उनके बीच हुई बातचीत की रिकॉर्डिंग भी हो गई थी। शिकायत मिलते ही डीजीपी उमेश मिश्रा के आदेश पर डिप्टी आंचलिया को आईजी कार्यालय से रिलीव कर दिया गया था।