गजपाल सिंह राठौड़ शहर जिलाध्यक्ष मनोनीत
उदयपुर। भाजपा संगठन पर्व के तहत शुरू हुए सदस्यता अभियान, बूथ समिति, मंडल अध्यक्ष के बाद बुधवार को भाजपा शहर जिला उदयपुर के अध्यक्ष पद पर गजपालसिंह राठौड़ की घोषणा होने के बाद चर्चाओं का पटाक्षेप हो गया और कयासों पर विराम लग गया। पार्टी ने इस बार केन्द्र की रणनीति पर चलते हुए सब कुछ बदल कर नए चेहरे आगे लाने की तर्ज पर महामंत्री रहे गजपालसिंह राठौड़ को अध्यक्ष मनोनीत कर दिया। राजनीतिक पंडितों की मानें तो इसे निर्वाचन की बजाय मनोनयन कहना उचित है क्योंकि दावेदारों से पहले ही विड्रॉल फॉर्म पर साइन करवा कर ले लिए गए थे। सभी को पार्टी गाइड लाइन पर चलने का आदेश दिया गया था। इससे पूर्व हर बार की तरह जैन और ब्राह्मण के अध्यक्ष बनने की परंपरा भी टूट गई।
पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र सिंह राठौड़ एवं चुनाव प्रभारी वीरमदेव सिंह ने सभी तेरह आवेदकों के साथ बैठक कर सर्वानुमति बनाने का सफल प्रयास किया जिसमें उन्होंने कहा कि हमारे संगठन में संगठन सर्वोपरि का बड़ा ही महत्व है जो निर्णय संगठन ने तय कर दिया उसकी पालन करना हम सब की जिम्मेदारी है उन्होंने कहा कि एक ही व्यक्ति को पद दिया जा सकता है इसलिए आप सभी सहयोग करें एवं पार्टी को सशक्त बनाने में योगदान दें।
पार्टी कार्यालय के सभागार में हुई बैठक में जिलाध्यक्ष रवींद्र श्रीमाली ने छह वर्षों के उनके कार्यकाल की जानकारी दी।
चुनाव अधिकारी वीरमदेव सिंह ने महामंत्री गजपाल सिंह राठौड़ को मंच पर आमंत्रित किया और शहर जिला के नये अध्यक्ष के रूप में मनोनयन की घोषणा की।
तालियों की गड़गड़ाहट के साथ सभी ने नए अध्यक्ष का स्वागत किया। पर्यवेक्षक राजेंद्र सिंह राठौड़ ने पगड़ीए उपरना पहना कर उनका स्वागत किया। इस अवसर पर आतिशबाजी की गई। मिठाइयां बांटी गई।
पूर्व नेता प्रतिपक्ष राठौड़ ने उदयपुर को सुंदर सिंह भंडारी, भानु कुमार शास्त्री, गुलाबचंद कटारिया के कर्म की धरती बताया और कहा कि सर्वश्रेष्ठ को चुनने के लिए बहुत बड़ी परीक्षा होती है और उसमें एक को सेनापति बनाया जाता है परंतु युद्ध जीतने के लिए सेना का होना आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि शहरी निकाय एवं पंचायत राज के चुनाव हमारे सामने है भारतीय जनता पार्टी को दोनों ही चुनावों में सफलता दिलाने का जिम्मा इन पर है। यह निर्णय पार्टी की रीति.नीति का निर्णय है, हम सब सहज स्वीकार करें।
सुनील गोठवाल