नवसाक्षर महिलाओं को पुरूस्कृत करने गांव पहुंचा रोटरी क्लब
उदयपुर। शिक्षा जीवन का वो अचूक हथियार है जिससे साक्षर होने वाला न मात्र अपना वरन् अपने परिवार का भी जीवन संवारता है। शिक्षा मनुष्य के जीवन के रहन-सहन का तरीके में बदलाव तो लाती ही है साथ ही उसके बोलने के लहजे में भी काफी परितर्वन आ जाता है। यह सब कुछ देखने को मिला रोटरी क्लब उदयपुर की ओर से मल्लाताई स्थित राताखेत गांव में लगाये गये 35 दिवसीय नारी साक्षरता शिविर के समापन समारोह में, जहां युवा से लेकर वृद्ध कामकाजी निरक्षर महिलाओं ने अक्षरज्ञान तो सीखा ही साथ ही अपने बोलने का तरीका भी बदला। इनके बोलने के तरीके में आये बदलाव से गांववासी काफी प्रभावित है।
समापन समारोह में कामकाजी महिलाओं से रोटरी ने वादा कराया कि शिविर में प्राप्त किये गये अक्षर ज्ञान से वे अपनी आगे पढ़ाई जारी रखते हुए अपने परिवार की दशा व दिशा बदलेंगे। शिविर में गांव की ही उन 25 कामकाजी महिलाओं को पढ़ाया जो पूरे दिन कार्य करने के बाद संाय 6 बजे से प्रतिदिन नियमित रूप से 1 घ्ंाटे तक पढ़ाई कर न केवल अक्षर ज्ञान सीखा वरन् नाम लिखना व गिनती लिखना भी सीखा।
इस अवसर पर क्लब अध्यक्ष डॅा. निर्मल कुणावत ने कहा कि परिवार में एक महिला के साक्षर होने से आने वाली अनेक पीढ़ीयों का जीवन संवरता है और इस पुनीत कार्य में रोटरी क्लब उदयपुर सदैव अग्रणी रहा है। उन्होनें बताया कि मुनीष गोयल के नेतृत्व में रोटरी क्लब उदयपुर द्वारा गत तीन वर्षो से लगातार इसी क्षेत्र की कामकाजी महिलाओं के लिये साक्षरता शिविर आयोजित किया जाता रहा है।
इस अवसर पर क्लब की ओर से मुनीष गोयल, डॅा.बी.एल.जैन,श्रीमती अंजना जैन, सुषमा गोयल,सचिव गिरीश मेहता ने सभी नवसाक्षर महिलाओं को सर्टिफिकेट प्रदान किये। शिविर में सुरपरवाईज़र भेरूलाल मेघवाल,शिक्षिका मंजू तेली व सहयोगी विनोद नकवाल का विशेष सहयोग रहा।
ये महिलाएंं बनी नव साक्षर-शिविर में 20 वर्ष से लेकर 60 वर्ष तक की महिलायें कला बाई,भगवती बाई,उदी बाई,मंजू,पिंकी, मिठू बाई, यमुना, भारती, चुनी बाई,खुमाणी बाई,डाली बाई, टमु बाई,चन्दा,भगी बाई, भगवती, केसरबाई, भूरी बाई, गंगा बाई,सोहनी बाई व पुष्पा कुंवर नवसाक्षर बनी।