शहीदों की चिताओं पर हर बरस लगेंगे मेले
उदयपुर. सियाचिन की सीमा पर शहीद शहर के लाडले अर्चित वर्दिया को अंतिम प्रणाम. उनके दोस्तों ने फेसबुक पर भी उन्हें श्रद्धांजली दी. उधर अंतिम संस्कार के समय उनकी बहन ने अर्चित की पार्थिव देह को अपनी अंतिम राखी समर्पित की. सेना के जवानों ने उनकी माँ बीना वर्दिया को अर्चित के बेल्ट, बैच, कैप दिए. सेना के जवानों ने चिता सजाई. शहरवासियों की आँखों में भले ही आंसू थे लेकिन उनका सीना गर्व से फूला था. उदयपुर ब्रिगेड के कमांडर आरजी. पाटिल, कर्नल के. एस. चौधरी, लेफ्टिनेंट वी. के. चौहान, मेजर आर. शंकर, वी. बराला, शशी भूषन आदि ने पुष्प चक्र अर्पित किये. शहर के विभिन्न स्कूलों के छात्रों ने भी शहीद को सलामी दी. शहीद वाकई अमर हो जाते हैं, यह तब महसूस हुआ जब उनकी अंतिम यात्रा शहर से गुजर रही थी. जिस राह से शव यात्रा निकली, जो जहाँ था, वहीँ रुक गया और सलामी देकर अंतिम विदाई दी. बहन ने जब अंतिम राखी कोफीन को बाँधी तो उसके साथ महिलाओं के भी आंसू नहीं रुक सके.