आर्यिका दया श्री माताजी की डोल यात्रा
उदयपुर। आचार्य पद्मनंदी महाराज की संल्लेखनारत आर्यिका 105 दयाश्री माताजी का देवलोकगमन होने के बाद मंगलवार सुबह उनकी डोल यात्रा निकाली गयी. सुबह चंद्रप्रभु दिगंबर जैन मंदिर आयड़ से निकली डोलयात्रा अशोक नगर मोक्ष धाम पहुंची, जहां साध्वी की देह पंचतत्व में विलीन की गई। इस मौके पर प्रदेश के विभिन्न स्थलों से हजारों की तादाद में श्रद्धालुओं की मौजूदगी रही। आर्यिका के देवलोक गमन पर मुनि ने कहा कि जीवन को जानने की पूंजी ही मृत्यु है। इसलिए मृत्यु को सुधारना है तो जीवन को सुधारना जरूरी है। मृत्यु तो निश्चित है, लेकिन उसकी तिथि निश्चित नहीं है। कुछ ही लोग होते हैं जिनकी साधना से मृत्यु भी महोत्सव बन जाती है। आर्यिका दया श्री ने भी अपनी साधना द्वारा मृत्यु को मंगलमय बना दिया।