उदयपुर. देव झुलनी एकादशी पर गुरुवार को छोगाला छैल के जयकारों के साथ बेवाण (राम रेवाड़ी) निकाले गए. दिल्ली में बम ब्लास्ट के बार सुरक्षा के तहत जगदीश मंदिर में सुबह मेटल डिटेक्टर लगाया गया. भक्तों ने ठाकुरजी के जयकारे लगते हुए खूब गुलाल-अबीर उड़ाई. शाम को श्री कृष्ण के जलवा पूजन की रस्म के तहत अस्थल मंदिर, बाईजीराज का कुंड, सत्यनारायण मंदिर, मीठाराम का मंदिर, रंग निवास स्थित श्री प्रभुश्याम जी मदिर से आज के आनंद की जय, सांवरिया सेठ की जय, गोविन्द बोलो, हरि गोपाल बोलो, हाथी घोड़ा पालकी, जय कन्हैयालाल की के जैकारों के साथ ठाकुरजी के बेवाण निकाले गए. पूरे मार्ग में घरों से लोग सड़कों पर आ गए और ठाकुरजी के दर्शन कर फल, दक्षिणा आदि भेंट किये. घरों की छतों पर तक लोग बैठे थे. शोभायात्राओं में विभिन्न व्यायामशालाओं के पहलवानों ने करतब दिखाए. इनमें सजी-धजी धार्मिक झांकियां भी आकर्षण का केंद्र रही. सभी शोभायात्रायें पीछोला के गणगौर घाट पहुँची जहाँ भगवान सालिगराम जी के विग्रह को पीछोला के नए जल से स्नान करा कर आरती की गयी. फिर बेवाणों को वापस उसी ठाठ-बाट से वापस मंदिर लाया गया. उधर राजसमन्द के चारभुजाजी तथा चित्तोड़गढ़ के सांवलियाजी में भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा. मंदिर से ठाकुर जी को बेवाण में बाहर लाते ही भक्त जन उमड़ पड़े. सिटी पैलेस में बाणनाथजी से शोभायात्रा निकाली गई.ठाकुर ज्ञान राय, पीताम्बर राय, व बाणनाथजी की भव्य शोभा यात्रा निकाली गई. ठाकुरजी की रामरेवाड़ी के आगे सुरक्षा प्रहरियों की टुकडिय़ां मार्च पास्ट करते चल रही थी। शोभायात्रा में सजे-धजे अश्व मय घुड़सवार चल रहे थे. ठाकुरजी को पूरे मार्ग में पुष्प वर्षा के साथ ले जाया गया। राजपुरोहित ने ठाकुरजी की पूजा-अर्चना कर उन्हें नया जल ग्रहण करवाया. पूजा-अर्चना के पश्चात शोभायात्रा पुन: इसी मार्ग से मंदिर पहुंची जहां बड़ी आरती की गई और शाम को सभी को राजसी प्रसाद वितरित किया गया. कैलाशपुरी स्थित परमेश्वरा श्री एकलिंगजी मंदिर से गणेशजी की चल प्रतिमा की रामरेवाड़ी श्रद्धालुओं के जयघोष के साथ दोपहर बाद निकलीं. श्रद्धालुओं ने ठाकुरजी के रथ पर श्रीफल चढ़ाकर दर्शनादि किए। इन्द्रसागर तालाब पहाड़ी पर आतिशबाजी की गई।
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शुक्रिया विपिनजी,
फोटोग्राफ के लिए हमारे छायाकार कैलाश टांक बधाई के पात्र हैं.