दिगंबर जैन समाज के पर्युषण पर्व का समापन
उदयपुर. दिगंबर जैन समाज में पर्युषण पर्व का अंतिम दिन उत्तम ब्रहमचर्य दिवस के रूप में मनाया गया. दिगंबर जैन धर्मावलंबियों ने दशलक्षण पर्व के तहत अनंत चतुर्दशी पर्व पर 24 तीर्थंकरों की साजो के साथ पूजा की। जैन श्रद्धालुओं ने व्रत व उपवास रखे. चौबीस तीर्थंकरों की सामूहिक भक्ति के साथ पूजा-अर्चना की गई। दिगंबर जैन मंदिर में नित्य नियम पूजा के बाद 24 भगवानों की पूजा की गई। इस बीच दशलक्षण विधान पूजन भी संपन्न हुआ। सोमवार को क्षमापना दिवस मनाया जायेगा. रिश्तेदारों, सगे-सम्बन्धियों मित्रों से वर्ष भर में हुई गलतियों के लिए क्षमा मांगी जायेगी.
उधर क्रांतिकारी राष्ट्रसंत मुनि तरूणसागर ने कहा कि समाज की लडक़ी समाज में ही रहे, चाहे वो छह समाजों में से कोई भी समाज हो। इसके लिए बेटी व्यवहार शुरू करना चाहिए. संगठन के लिए रोटी व्यवहार के साथ बेटी व्यवहार भी जरूरी है। उदयपुर में इस समय बीसा हुमड़, दशा हुमड़, चित्तौड़ा, नागदा, सरावगी तथा नरसिंहपुरा समाज के लोग बहुतायत में हैं जिनमें रोटी व्यवहार तो है लेकिन बेटी व्यवहार नहीं है. मुनि ने कहा कि दिगम्बर- श्वेताम्बर को हम कचरे के डिब्बे में डाल दें और अपने जैन होने का विश्लेषण करें। इससे पूर्व शहर में रविवार शाम शोभायात्रा निकाली गई.