उदयपुर. शहर में रविवार को अनंत चतुर्दशी पर अगले बरस जल्दी आने का न्योता देकर गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन कर भगवान गणेश को विदाई दी गई. गणपति बप्पा मोरिया, अगले बरस तू जल्दी आ के उदघोष के साथ विनायक प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया। शहर के विभिन्न गली, मोहल्लों में स्थापित विनायक विग्रहों की आरती के बाद श्रद्धालु विसर्जन के लिए झीलों की ओर बढऩे लगे। इस दौरान गणपति देवा, तुमसे बढ़कर कौन… गीतों के स्वर, ढोल- थाली -मांदल की गूंज और गुलाल- अबीर के गुबार के बीच गणेश प्रतिमाओं का पीछोला में विसर्जन शुरू हुआ। विनायक विग्रहों के विसर्जन के साथ ही दस दिनों से चल रही गणेशोत्सव की धूम थम गई। पीछोला, दूधतलाई, गोवर्धन सागर, फतहसागर सहित आसपास के तालाबों में भी प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया. कहीं-कहीं ताम्र प्रतिमाएं भी स्थापित की गई थीं, उन प्रतिमाओं को प्रतीकात्मक रूप से विसर्जन के रूप में नहला कर वापस लाया गया. गणेश प्रतिमाओं को लेकर अकेले श्रद्धालु भी पहुंचे। गणगौर घाट पर विसर्जन पर विदेशी पर्यटक भी मौजूद थे जिन्होंने इस दृश्य को अपने कैमरों में कैद किया. ढोल वादन व डांडियों की खनक तथा साउंड सिस्टम पर गीतों के बीच पहुंचे जुलूसों से हाथीपोल, बड़ा बाजार वाले मार्ग का माहौल विनायकमय हो गया। जुलूसों में उड़ती गुलाल के बीच गणपति बप्पा मोरिया, अगले बरस तू जल्दी आ… का स्वर गूंजता रहा। इस बीच दोपहर बाद शाम को आई तेज बारिश ने विसर्जन का आनंद दुगुना कर दिया.