नए शोध पर डॉ. सिंघल को गोल्ड मेडल
उदयपुर. अब तक उद्योगों में काम आने वाले इन्फ्रा रेड थर्मोग्राफी का उपयोग अब प्लास्टिक एंव माइक्रो सर्जरी में भी किया जाने लगा है जिससे घायल मरीज के रोग की गहराई का पता लगाकर उसके उपचार में और आसानी हो जायेगी।
पिछले 4 वर्षो से इस क्षेत्र में शोध कर रहे नोबल हॉस्पीटल के प्लास्टिक सर्जन डॉ. सुमित सिंघल ने पूर्ण तथ्यात्मक खोज कर इस पर गत दिनों कोयम्बटूर में एसोसिएशन ऑफ प्लास्टिक सर्जन ऑफ इंडिया की ओर से आयोजित 46 वीं वार्षिक कॉन्फ्रेन्स में अपना रिसर्च पेपर की प्रतियोगिता में भाग लेकर गोल्ड मेडल के साथ नकद इनाम भी जीता। डॉ. सिंघल ने बताया कि विश्व में यह प्रथम अवसर है कि जब इस विषय पर राष्ट्रीय स्तर की कॉन्फ्रेन्स में रिसर्च पेपर प्रस्तुत किया गया। इस शोध के पूर्ण होने पर दुर्घटना में घायल मरीजों के कुचले हाथ-पंाव, जले हुए स्थान तथा डायबिटीज के कारण खराब कर चुके पांवों में गेगरीन की गहराई का पता लगाकर उसकी सर्जरी करने में अब और आसानी होगी. कॉन्फ्रेन्स में जूनियर से लेकर रिटायर्ड प्लास्टिक सर्जन द्वारा 150 शोध पत्र प्रस्तुत किये गये जिनमें से प्रतियोगिता के लिये चयनित 4 पेपर में से डॉ. सिंघल का शोध पत्र प्रतियोगिता में सर्वश्रेष्ठ रहा.