उदयपुर. नवरात्रा के तहत दुर्गाष्टमी पर शहर भर में पूजा-अर्चना हुई. शक्तिपीठों पर सुबह से श्रद्धालुओं की कतार रही. बंग भवन में माँ का विशेष श्रृंगार किया गया. अम्बा माता, सुख देवी माता, आवरी माता सहित विभिन्न दैवी स्थानकों पर भी भारी भीड़ रही. घरों में द्याडी माता की पूजा की गई.
मान्यताओं के अनुसार कहीं कहीं आज नवरात्र संपन्न हो गए तो कहीं कल होंगे. बंग भवन में माँ का विशेष श्रृंगार किया गया वहीँ नगर परिषद में बंगाली स्वर्ण कारीगर समाज की ओर से माँ की भव्य प्रतिमा सजाकर श्रृंगार किया गया. श्रद्धालुओं का माँ के दर्शनार्थ जनसैलाब उमड़ पड़ा.
विसर्जन काल सुबह ही अच्छा
ज्वारा विसर्जन बुधवार से शुरू हो जायेंगे. कहीं-कहीं गुरुवार को भी किया जायेंगे. पंडित प्रकाश परसाई ने बताया कि ज्वारा विसर्जन, उद्यापन आदि प्रातः काल ही करने चाहिए. हालांकि देश काल, परिस्थिति और सामजिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए सूर्यास्त पूर्व भी विसर्जन किया जा सकता है.
बाणमाता की सवारी
एकलिंगजी ट्रस्ट के तत्वावधान में नवरात्रि को लेकर धार्मिक अनुष्ठान संपन्न हो गए। आठ रोज पूर्व यहां लाए गए मेवाड़ राजपरिवार की कुलदेवी बाणमाताजी के विग्रह की अष्टमी की विशेष पूजा-अर्चना के साथ ही पैलेस परिसर में नवरात्रि के तहत चल रहे अनुष्ठान भी संपन्न हुए. विजयाराज कुमारी मेवाड़ ने पूजा कर मेवाड़ में खुशहाली की कामना की. सिटी पैलेस प्रांगण स्थित शंभू निवास में स्थित खडग़जी की विशेष पूजा अर्चना विभिन्न अनुष्ठानों, हवन के साथ दोपहर को संपन्न हुई। पूजा अरविंद सिंह मेवाड़ की ओर से राजपुरोहित सहित कर्मान्त्री ने करवाई। इसके बाद पैलेस बैण्ड की मधुर धुनों पर आठ रोज पूर्व यहां लाए गए कुलदेवी बाणमाताजी के विग्रह को राजपरिवार का लवाजमा मय खुली गाड़ी में, चंवरदार, 5 सजे-धजे घोड़े सहित भट्टियानी चौहट्टा स्थित घनश्याम जी भट्ट के यहां पहुंची। लवाजमा कुलदेवी बाणमाताजी का विग्रह लेकर राजसी ठाट-बाट के साथ जनाना महल स्थित भण्डार से रवाना हुआ।
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