अमेरीकी शोध छात्राओं ने कहा
उदयपुर udaipur. चित्रकुट नगर स्थित मार्बल स्लरी डम्पिंग यार्ड एक विभिषिका है तथा जल प्रवाह मार्ग व शहर से उपर इस तरह की असुरक्षित डम्पिंग एक पर्यावरणीय व राजनीतिक मुद्धा है, जिसका स्वास्थ्य व प्रकृति पर गम्भीर दुष्प्रभाव पड़ रहा है. यह निष्कर्ष अमेरिकी शोध छात्राओं ने गुरूवार को डम्पिंग यार्ड के अध्ययन के पश्चात् निकले।
शोद्यार्थी झील संरक्षण समिति, डॉ. मोहनसिंह मेहता मेमोरियालय ट्रस्ट तथा फॉण्डेशन फोर सस्टेनेबल डवलपमेन्ट के तत्वावधान में डम्पिंग यार्ड पहुंची. समिति के अनिल मेहता, ट्रस्ट के सचिव नन्दकिशोर शर्मा तथा फॉण्डेशन की रोंमा भारद्धाज ने शोद्यार्थियों को मार्बल स्लेरी डम्पिंग यार्ड के आंवटन से लेकर वर्तमान स्थितिके जलविज्ञानीय, पर्यावरणीय तथा कानूनी पक्षों की जानकारी दी. न्यूयार्क यूनिवरसिटी की क्रिस्टीन मार्शल, आमाण्डा तथा ब्रूक यूनिवरसिटी की ऐडेलीन ने डम्पिंग यार्ड पर हो रहे रसायन के विसर्जन, पहाड़ों की अवैध खुदाई, असुरक्षित मिट्टी के बांधों तथा स्लरी फैलाव—बहाव को देखकर कहा कि अमेरिका में ऐसा करने पर भारी जुर्माने का प्रावधान है. अव्वल तो वहां ऐसी दुखद गतिविधियों को मंजूरी ही नहीं मिल सकती है.
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