उदयपुर. वेदान्ता समूह की कंपनी हिन्दुस्तान जिंक के चार कर्मचारियों को विज्ञान भवन नई दिल्ली में गुरुवार को आयोजित समारोह में प्रधानमंत्री श्रम पुरस्कार-2009 से सम्मानित किया गया. हिन्दुस्तान जिंक के चार कर्मचारियों को श्रम भूषण अवार्ड तथा श्रम वीर अवार्ड से पुरस्कृत किया गया. प्रधानमंत्री श्रम पुरस्कार भारत सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा भारत सरकार एवं राज्य सरकार के उपक्रम एवं निजी क्षेत्र की इकाईयों में कार्यरत कर्मचारियों के अनुकरणीय, असाधारण साहस, सजगता, उल्लेखनीय निष्पादन, उत्कृष्ट प्रदर्शन, नवाचार तथा सराहनीय कार्य के लिए प्रदान किया जाता है.
हिन्दुस्तान जिंक की इकाई जिंक स्मेल्टर देबारी के भूरालाल नागदा तथा जगदीशचन्द्र जाट को उत्पादन में उल्लेखनीय योगदान तथा नवाचार के लिए श्रम भूषण अवार्ड प्रदान किये गये। इस पुरस्कार में एक लाख रूपया नकद तथा सनद प्रदान किये गए. जिंक स्मेल्टर देबारी के डालचन्द लौहार तथा रामपुरा-आगुचा खान के महेन्द्र कुमार सोनी को समर्पित सेवाएं एवं उत्पादकता में विशिष्ट योगदन के लिए श्रम वीर अवार्ड से पुरस्कृत किये गये । इस पुरस्कार में साठ हज़ार रुपये नकद तथा सनद प्रदान की जाती है. ये पुरस्कार भारत सरकार के केन्द्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मल्लिकार्जुन खडग़े ने प्रदान किये.
नागदा देबारी में फिटर बी पर कार्यरत हैं. नागदा डी-बोटलनेकिंग एवं समस्याओं के हल ढूढंने में गहरी रूचि लेते हुए मौजूदा प्रणाली में आदर्श विचारों एवं नवाचारों के माध्यम से ऐतिहासिक संसोधन एवं परिवर्तन किये हैं। नवाचारों तथा सुझावों के क्रिन्यावन से प्लांट में बिजली खपत में कमी तथा उत्पादन उपलब्धता में सुधार एवं उत्पादन लागत में कमी आई हैं. जगदीशचन्द्र जाट देबारी में सहायक फोरमेन (मेकेनिकल) के पद पर कार्यरत हैं. जाट आधुनिक तकनीक एवं उन्नयन के प्रति उत्साहित हैं तथा जो तकनिकी उद्योग के लिए अधिक लागत तथा असुरक्षित साबित होती हैं.
डालचन्द लौहार देबारी में सहायक फोरमेन (इलैक्ट्रिशियन) है. लौहार संयंत्र में स्थापित विद्युत उपकरणों की समस्याओं के निदान के लिए नवाचार एवं महत्वपूर्ण सुझाव दिये हैं जिसके परिणामस्वरूप बिजली नेटवर्क वितरण की विश्वसनियता में बढ़ोतरी हुई है तथा कल पुर्जों की लागत में कमी आई है.
महेन्द्र कुमार सोनी रामपुरा-आगुचा खान में सहायक फोरमेन पद पर हैं. सोनी ने उत्पादकता में सुधार एवं नवाचार के लिए उल्लेखनीय योगदान दिये हैं. जस्ता-सीसा धातु प्रति प्राप्ति के दक्षता के लिए विशिष्ट सुझाव दिये जिसके परिणामस्वरूप जस्ता-सीसा धातु की प्रति प्राप्ति में बढ़ोतरी हुई.
हिन्दुस्तान जिंक विश्व का सर्वोत्तम एकीकृत जस्ता-सीसा उत्पादक है तथा निजीकरण के बाद हिन्दुस्तान जिंक ने अपनी उत्पादन क्षमता में पांच गुना बढ़ोतरी की है। पवन ऊर्जा क्षेत्र में भी हिन्दुस्तान जिंक ने अपनी क्षमता बढ़ाकर २७५ मेगावाट कर दी है.