उदयपुर. udaipur की सेवा मंदिर को नरेगा में कार्यकारी एजेन्सी के रूप में उदयपुर जिले के ३२ चरागाहों की ६४५ हेक्टेयर भूमि को विकसित करने का जिम्मा सौंपा गया है। राजस्थान के ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग मंत्री भरतसिंह ने स्वयंसेवी संस्थाओं को महानरेगा में जगह देकर यह पहल की है. इन ३२ मे से २ चरागाहो ग्राम छाली (पंचायत समिति गोगुन्दा) एव ग्राम आमलेटा (पंचायत समिति झाडोल) का शुभारंभ मंत्री भरतसिंह शनिवार को करेंगे.
चरागाह विकास हेतु सरकार एवं पंचायतों द्वारा किये गये कई प्रयास मोटे तौर पर विफल रहे है। महानरेगा मे चरागाह विकास कार्यों के प्रावधान के बावजूद, बहुत कम चरागाहों पर नरेगा के अन्तर्गत काम हुआ है। कब्जों एवं अन्य राजनैतिक कारणों के चलते, चरागाह भूमि की स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई है। पंचायतें राजनैतिक एवं सामाजिक सीमाओं के चलते अकसर कब्जेधारियों को बेदखल नही कर पाती और ग्राम समुदाय इस सामूहिक भूमि के उपयोग से वंचित रह जाता है। इस उदासीनता से आगे, अब तो खदानों के विस्तार एवं शहरीकरण के बढते दबाव के चलते दक्षिणी राजस्थान में कई स्थानों पर गोचर जमीने कमाई का अच्छा साधन बन गई है।
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