आदिम संस्कृति के प्रतीक धनुष-बाण से हुआ वागड़ महोत्सव 2011 का आगाज
डूंगरपुर.संस्कृति और परंपरा की धरती मेवाड़. इसीलिए यहाँ कहावत भी है कि सात वार, नौ त्यौहार. यानी सात दिनों में नौ त्योहार. वर्ष भर के हर मास में कुछ ना कुछ त्यौहार होते ही हैं, यही कारण है कि संभवतः विदेश सैलानी यहाँ आना पसंद करते हैं. डूंगरपुर में वागड महोत्सव का आगाज़ शनिवार को हुआ जिसमें विदेशी सैलानियों ने भी हिस्सा लिया. डूंगरपुर के 730 वें स्थापना दिवस के मौके पर आयोजित दो दिवसीय वागड़ महोत्सव में प्रतिभागियों ने रंगोली बनाई और हिना रचाई। इस मौके के साक्षी विदेशी पर्यटक भी रहे जिन्होंने प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया.
सांसद ताराचंद भगोरा व जिला कलक्टर पूनम ने धनुष से तीर छोडक़र महोत्सव का शुभारंभ किया। पहले दिन जिला प्रशासन, पर्यटन विभाग तथा खेल विभाग के तत्वाधान में विभिन्न प्रतियोगिताएं हुई. विभिन्न आयु वर्ग के लिए आयोजित इन प्रतियोगिताओं में तीरंदाजी, रंगोली, मेहंदी, रस्साकसी, मटका दौड़, कुर्सी दौड़ का आयोजन किया गया जिसमें शहरवासियों ने गजब का उत्साह दिखाते हुए बडी संख्या में भाग लिया. रंगोली प्रतियोगिताओं में किशोरियों व युवतियों ने उत्साह से भाग लिया और विभिन्न रंगों के माध्यम से अपनी सृजनशीलता का परिचय दिया। किसी ने विघ्नहर्ता गणेश तो किसी ने स्वस्तिक और किसी ने मानचित्र के माध्यम से अपनी भावनाओं की मोहक अभिव्यक्ति दी।
रस्साकस्सी में विदेशियों को पछाड़ा
महोत्सव दौरान फ्रांस से आए विदेशी सैलानियों ने भी हिस्सा लिया और जोर आजमाईश की। विदेशियों व स्थानीय लोगों के दलों के बीच हुई रोचक रस्साकस्सी प्रतियोगिता में स्थानीय दल विजयी रहा.
वागड़ संस्कृति देख सैलानी अभिभूत
प्रतियोगिताओं के बीच फ्रांस से पहुंचे विदेशी सैलानियों का दल यहां की संस्कृति व कला को देखकर अभिभूत हो उठा। उन्होंने महिलाओं तथा बच्चों द्वारा बनाई रंगोली तथा मेहंदी की डिजाईनों को देखकर पूरी जानकारी ली। वागड़ की संस्कृति से आकर्षित इस दल के साथ आई महिलाओं के साथ-साथ पुरुषों ने भी अपने हाथों पर बालिकाओं से मेहंदी लगवाई. जिला कलक्टर पूनम ने पर्यटकों के दल का माला पहनाकर स्वागत किया।
आज समापन
दूसरे दिन रविवार को शोभायात्रा, आतिशबाजी, दीपदान के साथ गेर नृत्य की सामूहिक प्रस्तुतियों व सतरंगी संस्कृति झलकेगी. दोपहर 3 बजे शोभायात्रा निकाली जायेगी. शोभायात्रा में पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र उदयपुर व राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों से आने वाले लोक कलाकारों के साथ विभिन्न विद्यालयों के बेण्ड समूह स्वर लहरियां बिखेरते हुए शहर के मुख्य मार्गों से गुजरेंगे। शोभायात्रा गेपसागर की पाल पहुंचेगी जहां दीपदान किया जाएगा। शोरगर इकराम-उस्मान द्वारा आतिशबाजी भी की जाएगी.
udaipur news
udaipurnews