धातु उत्पादन क्षमता हुई दस लाख टन
udaipur. हिन्दुस्तान जिंक ने वर्ष 2012-13 एसैसमेंट ईयर में भारत सरकार को तीसरी किस्त में 400 करोड़ रु. का एडवान्स टेक्स दिया। यह टेक्स गत वर्ष की समान अवधि की तुलना में 75 करोड़ रु. अधिक है। पिछले वर्ष इसी अवधि के लिए हिन्दुस्तान जिंक ने 325 करोड़ रु. एडवान्स टेक्स दिया था। हिन्दुस्तान जिंक 2012-13 के लिए अब तक 1025 करोड़ एडवान्स टेक्स के रूप में दे चुका है। एडवान्स टेक्स में बढ़ोतरी उत्पादन में वृद्धि एवं कार्यकुशलता में निपुणता के परिणामस्वरूप है। हिन्दुस्तान जिंक ने वर्ष २००२ में विनिवेश के पश्चात राजस्थान में 12 हजार करोड़ रु. का निवेश कर तीन बड़ी विस्तार परियोजनाओं की सफलतापूर्वक स्थापना की। वर्ष 2002 में जिंक की धातु उत्पादन क्षमता करीब दो लाख टन थी जो अब बढक़र करीब 10 लाख टन से अधिक हो चुकी है। कंपनी की दरीबा इकाई में एक लाख टन प्रतिवर्ष सीसा स्मेल्टर परियोजना में सफलतापूर्वक उत्पादन प्रारंभ हो गया है। कंपनी प्रतिवर्ष 500 टन चाँदी उत्पादन करने के लक्ष्य को प्राप्त करने की ओर अग्रसर है तथा लक्ष्य को प्राप्त करते ही हम दुनिया में सबसे बड़े चाँदी उत्पादकों में गिने जाएंगे। कंपनी ने उत्तराखंण्ड राज्य के पंतनगर में 350 टन वार्षिक उत्पादन क्षमता की सिल्वर रिफाईनरी की सफलतापूर्वक स्थापना कर ली है तथा पंतनगर में स्थापित सिल्वर रिफाईनरी में रॉ मैटेरियल की आपूर्ति के लिए सिंदेसर खुर्द खदान तथा कंपनी की अन्य खानों व प्रद्रावकों की उपलब्धता में पर्याप्त सुधार किया जा रहा है।
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