udaipur. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की आदिवासी क्षेत्र के सर्वागींण विकास की सोच का ही परिणाम है कि गतिमान प्रशासन की मोबाईल बस आज शनिवार को जब जिले के सुदुर आदिवासी कोटडा के मेरपुर ग्राम में पहुंची तो लोगों को दो महिनों का काम मात्र दो घन्टे में हो जाने से उनके चेहरे पर खुशी का आलम देखते ही बन रहा था। युवा मामले एवं खेल राज्यमंत्री मांगीलाल गरासिया ने कहा कि मुख्यमंत्री ने गत दिनों अपना जन्मदिन आदिवासी अंचल के कोटडा मुख्यालय पर लोगों के बीच मनाया था और उनकी विभिन्न समस्याओं से रुबरु हुए थे। उनकी सोच का ही परिणाम है कि गतिमान प्रशासन प्रत्येक गुरुवार को कोटडा पंचायत समिति के एक-एक ग्राम पंचायत में पहुंचेगा और लोगों को तत्काल राहत उपलब्ध कराएगा। सांसद रघुवीर सिंह मीणा ने कहा कि आज कुंआ प्यासे के पास आया है ऐसा उदाहरण देश भर में अपने आप में अनुठा है। उन्होंने कहा कि सरकार गरीब एवं जरुरतमंद लोगों का सर्वागींण विकास कर विकास की मुख्य धारा में जोडने के हरसंभव प्रयास कर रही है।
गतिमान प्रशासन बस की जानकारी देते हुए जिला कलक्टर हेमंत गेरा ने बताया कि यह बस पूरे देश भर में एक मात्र ऐसी बस है जिसमें करीब नौ विभागों के अधिकारी बैठकर कोटडा पंचायत समिति की ग्राम पंचायतों में प्रत्येक गुरुवार को पहुंचेगी और वे सारे कार्य इस बस में सम्पादित होंगे। हिन्दु स्तापन जिंक के सौजन्ये से मिली करीब 50 लाख रुपये लागत की चल कार्यालय गतिमान प्रशासन बस शनिवार को कोटडा ब्लॉक के मेरपुर ग्राम पंचायत मुख्यालय पहुंची। अत्याधुनिक सुविधाओ से लेस इस बस में उपखण्ड अधिकारी , विकास अधिकारी सहित नौ विभागों के अधिकारी बस में सवार होकर कोट$डा पंचायत समिति मुख्यालय से मेरपुर ग्राम पंचायत पहुंचे। पूर्व में सर्वेक्षित पेंशन, खातेदारी अधिकार, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, मूल निवास, नामान्तरण सहित पीपीओ जारी करने के कार्य अधिकारियों द्वारा पूर्ण कर लिये गये। बस के प्रात: मेरपुर पहुंचने के साथ ही लोगों का जमावडा लग गया और वे अपने -अपने कार्यो के लिए बस में लगाये गये विभिन्न काउन्टरों पहुंचने लगे।
भीखी और हमीरा को हाथोंहाथ मिले पीपीओ : शिविर में वृद्घ भीखी और हमीरा को हाथों हाथ पीपीओ जारी होने से दोनों के चेहरे खिल उठे। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद उनके जीवन में ऐसा पहला मौका आया है जब सरकार उनके घर पर पहुंचकर उनके हाल-चाल जाने और बिना किसी खानापूर्ति के हाथों हाथ पीपीओं का मिलना उनके लिए इससे बडा तोहफा नहीं हो सकता।
विकलांग रामसिंह हुआ निहाल : शिविर में खेलराज्य मंत्री एवं सांसद द्वारा जब राष्ट्रीय इंदिरा गांधी वृद्घावस्था पेंशन के तहत पीपीओं विकलांग रामसिंह को बुलाकर सौंपा गया तो एक बारगी वह चौक गया। उसने कहा कि वह पेंशन प्राप्ति के लिए पूर्व में कई दिनों से प्रयासरत था।