udaipur. इन दिनों शहर में सड़क सुरक्षा सप्ताह चल रहा है। यह भी नाममात्र की सिर्फ औपचारिकता लग रही है। न तो चौराहों पर कहीं पुलिसकर्मी दिखते हैं, दिखते भी हैं तो अपने कर्तव्य से उन्हें कोई मतलब नहीं होता यानी ठण्ड में धूप सेवन करते या आपस में बतियाते दिख जाते हैं। वाहनचालक भले ही लाल बत्ती में भी सड़क पार कर लेता है और खुद को सूरमा साबित करता हुआ निकल जाता है। ऐसी ही हालत जेब्रा क्रासिंग पर होती है। जेब्रा क्रासिंग वैसे तो पैदल चलने वालों के लिए होती है लेकिन गाडि़या इन पर आ खड़ी होती है कि पैदल चलने वाला सोच में पड़ जाता है कि कहां से जाए? यही नहीं कहीं कहीं तो महिला पुलिसकर्मी दुपहिया वाहन चलाते हुए लाल बत्ती में गलत साइड में जाती दिख गई। इससे ऐसा लगा कि जब बाढ़ ही खेत को खाए तो रखवाली कौन करे…। कहीं दुकान के बाहर सड़क पर कार पार्क कर देते हैं। कहने पर जवाब मिलता है कि दो मिनट में आ रहे हैं।
नया तरीका
यातायात पुलिस ने सडक सुरक्षा सप्ता ह के तहत आज एक नया तरीका निकाला। इसमें गलत साइड में, लाल बत्ती पर चलने वाले वाहन चालकों को पकड़कर उन्हें माला पहनाई गई। मानव जीवन रेखा संस्थान की ओर से इंडिया ग्लोबल ट्रैफिक मिसफिट अवार्ड प्रदान किया गया। संस्थान के दीपक मोगरी भाटिया ने बताया कि जो चालक सड़क सुरक्षा नियमों के विपरीत मिले, उन्हें यह अवार्ड प्रदान किया गया। अवार्ड सुरक्षित चलने वाले लोगों से प्रदान कराया गया।