udaipur. गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर नगर परिषद सुखाडि़या रंगमंच पर जहां वीर रस के काव्यसपाठ ने श्रोताओं को उद्वेलित किया वहीं हास्य व्यंग्यिकाओं ने खूब गुदगुदाया। मौका था सुनहरा राजस्थान के गणतंत्र दिवस विशेषांक विमोचन का। अतिथियों के रूप में यहां जनजाति मंत्री महेन्द्रजीतसिंह मालवीया तथा जिला प्रमुख मधु मेहता। इनके अतिरिक्त शिरकत की चौथी दुनिया के संपादक और वरिष्ठ पत्रकार संतोष भारतीय तथा हिन्दुस्तांन जिंक लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अखिलेश जोशी ने।
ठण्ड के कारण हालांकि आरंभ में श्रोताओं की संख्या कम रही लेकिन धीरे धीरे समय के अनुसार कवि सम्मेलन परवान चढ़ा और अपनी ऊंचाइयों को छू गया। कवि सम्मेलन का आरंभ मेरठ के सौरभ सुमन ने अपनी ओजपूर्ण वाणी में मुम्बई बमकांड में लचर सरकारी प्रबंधन व्यवस्था पर आक्रोश जताया। फिर कमान संभाली उदयपुर के स्थानीय राव अजातशत्रु ने। उन्होंने अपनी चिर-परिचित कविता गोरा-बादल राजस्थान… से श्रोताओं को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया। चित्तौड़गढ़ के रमेश शर्मा ने बेटी की सगाई हो गई है और उसकी शादी के पहले तक घर में सभी परिजनों के बदले-बदले व्यवहार पर भावपूर्ण प्रस्तुति दी। बेटी अपनी मां से सभी के व्यवहार पर अभी से बदल गया मां… पूछती है। श्रोताओं के वन्स मोर पर फिर उन्होंने मां पर जब कविता पढ़ी तो श्रोताओं की आंखें नम भी हो गई। फिर मेरठ से आई युवा कवयित्री अनामिका अंबर और संचालक शशिकांत यादव ने हल्की-फुल्की नोंकझोंक से श्रोताओं को खूब आनंद दिया। अनामिका ने अपनी छोटी-छोटी क्षणिकाओं से श्रोताओं को लुभाया। रिषभदेव के बलवंत बल्लू ने अपनी हास्य व्यंग्यिकाओं से श्रोताओं को खूब गुदगुदाया तो भीलवाड़ा के ओज के कवि योगेन्द्र शर्मा ने हिन्दुस्तान नामक काव्यपाठ करते हुए श्रोताओं को सोचने पर मजबूर कर दिया। निम्बाहेड़ा के शांति तूफान ने कविता कुछ नहीं पढ़ी लेकिन सारी समस्याओं के समाधान अपने पास होना बताकर सरकारी व्यवस्था पर आक्रोश जताया। चाहे वह साक्षरता हो या निशुल्क दवा वितरण, सरकारी हर क्षेत्र को उन्होंने दोषपूर्ण बताते हुए व्यंग्य कसे। संचालक शशिकांत यादव ने ओज की वाणी में छंद पढ़ते हुए श्रोताओं को रोमांचित किया तो अलवर के विनीत चौहान ने केन्द्र सरकार की चुप्पीं और बाबा रामदेव की सभा को मध्यरात्रि पुलिस के जबरन भंग करने को लेकर काव्य पाठ के माध्यम से कड़े प्रहार किए जिन्होंने श्रोताओं को सोचने पर मजबूर कर दिया। कवि सम्मेलन के अंत में इंदौर के ख्यातनाम कवि सत्यनारायण सत्तन ने अपनी चिर-परिचित वाणी में काव्यपाठ शुरू किया तब कवि सम्मेंलन अपनी ऊंचाइयों को छू गया। अपनी छोटी क्षणिकाओं के बाद उन्होंने काव्यपाठ किया तब श्रोता अपने हाथ खोले बिना नहीं रह सके। कार्यक्रम के आरंभ में अतिथियों ने दीप प्रज्वलन किया और अतिथियों ने संक्षिप्त उदबोधन दिया। सुनहरा राजस्थान के संपादक अनिल लोढ़ा ने सभी का आभार व्यक्त किया। कवि सम्मेलन को मुख्य रूप से वेदांता हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड ने प्रायोजित किया।