udaipur. तापमान में मामूली बढ़ोतरी और सरसों के खिलते ही रसचूसक मोयला फिर उड़ने लगा है। इससे बिना चश्मेत के चलने वाले वाहन चालकों को काफी परेशानी होने लगी है। इना आना बसंत का सूचक है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार पेड़-पौधों से यह कीट रस चूसता है।
इनका आना तापमान में बढ़ोतरी का सूचक है। बसंत पंचमी से इस कीट का आगमन होता है जो अमूमन महाशिवरात्रि तक रहता है। ठंड के कारण तो युवतियां, महिलाएं मुंह पर कपड़ा बांधकर चल ही रही थीं लेकिन अब मोयले से बचाव करना जरूरी हो गया है।