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उदयपुर। दुनिया को चलाने में महिलाओं के महत्वपूर्ण योगदान तथा उसके बिना हर काम अधूरा है। इसी भाव और सोच को अपनी ब्रश के जरिये पिछले लगभग 30 वर्षो से महिलाओं पर मॉर्डन पेन्टिग बनाने वाली चित्रकार इन्दिरा प्रकाश व उनकी दो स्टूडेन्ट छात्राएं आस्था व मानवी द्वारा चित्रित चित्रों की प्रदर्शनी सोमवार से मोहता पार्क स्थित सूचना केन्द्र की कला दीर्घा में इन्दिरा कला संस्थान नई दिल्ली की ओर से शुरू होगी।
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उद्घाटन सुबह 11 बजे होगा। मुख्य अतिथि चित्तौड ग़ढ़ की सांसद एंव राष्ट्रीय महिला आयोग की पूर्व अध्यक्षा डा. गिरिजा व्यास, विशिष्ठ अतिथि उदयपुर सांसद रघुवीर सिंह मीणा होंगे जबकि अध्यक्ष जिला कलेक्टर हेमन्त कुमार गेरा होंगें। पत्रकारों से बातचीत में अपनी चित्रकला की यात्रा के बारे में जानकारी देते हुए इन्दिरा प्रकाश ने बताया कि इस सृष्टि को चलाने में महिलाओं की भूमिका को नजरअन्दाज नहीं किया जा सकता है। महिला चाहे तो सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड को अपने आंचल में समेट सकती है। वह ब्रह्माण्ड की शक्ति को अपने काबू में कर सकती है। इसलिये इस प्रदर्शनी को पराशक्ति का नाम दिया गया है। महिला का जहंा पूर्व में सौम्य रूप देखने को मिलता था वहीं आज उसका मॉर्डन रूप भी हमें देखने को मिलता है। इन सभी भावों को अपनी ब्रश के माध्यम से अपनी कल्पना संसार के चित्रों को केनवास पर उतारा। अपने चित्रों में ऑयल व वाटर कलर का बखूबी इस्तेमाल किया है। जो दूर से ही देखते बनता है।
बुद्ध की जीवनी से मिली प्रेरणा : मूलत: दिल्ली निवासी इन्दिरा प्रकाश शिक्षा के दौरान मेडिकल क्षेत्र में जाना चाहती थी लेकिन एक बार हाथ लगी भगवान बुद्ध की जीवनी के अध्ययन करने से जीवन का उद्देश्य ही बदल गया और इसी जीवनी ने उन्हें चित्रकार बनने की प्रेरणा दी। अपनी चित्रकला यात्रा के प्रारम्भिक चरण में वे भगवान बुद्ध को ही केनवास पर उतारा करती थी और तीस वर्ष पूर्व बनायी गयी बुद्ध का चित्र आज भी जनता को संदेश देता हुआ प्रतीत होता है।
इन्दिरा प्रकाश की वर्ष 2003 व 2005 में ललित कला अकादमी परिसर में चित्रों की प्रदर्शनी लग चुकी है जिसे पूर्व प्रधानमत्री इन्द्रकुमार गुजराल, पूर्व राज्यसभा उप सभापति नजमा हेपतुल्ला,पूर्व राज्यसभा सदय सत्या बहिन,शहिदा बेगम सहित अनेक राजनेता,कला प्रेमियों ने भरपूर सराहा। कला प्रेमियों से मिली प्रेरणा ने इन्हें अपनी चित्रकला के महिलाओं की मॉर्डन आर्ट बनाने की ओर प्रेरित किया। यही कारण है कि वे आज महिलाओं को विभिन्न रूपों में अपनी पेन्टिग में दर्शा चुके है। शौक से पेन्टिग करने वाली इनकी दो शिष्याओं 18 वर्षीय आस्था व 14 वर्षीय मानवी द्वारा चित्रित चित्रों की इस चित्रकला प्रदर्शनी में पेन्टिग रखी गयी है। इन छात्राओं का भी पेन्टिग में फोकस नेचर व महिलाओं पर ही रहता है। इस अवसर पर रोविल,सोविल,आस्था व मानवी के माता-पिता भी उपस्थित थे।
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