विकिरण के खतरों एवं बचाव पर कार्यशाला
udaipur. सांसद रघुवीर सिंह मीणा ने कहा कि चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में हो रहे नवाचारों को अपनाते हुए मानव जीवन को संरक्षित करने का महत्वपूर्ण दायित्व चिकित्सक निभायें। वे रविवार को महाराणा प्रताप कृषि विश्वविद्यालय के प्रसार शिक्षा निदेशालय में आयोजित ‘‘विकिरण के खतरे एवं बचाव’’ पर कार्यशाला को बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि चिकित्सा क्षैत्र में दिनोंदिन आ रहे तकनीकी बदलाव की जानकारी तकनीशियनों तक पहुंचाने के लिये रिफ्रेशर कोर्सेज एवं सेमीनारों के आयोजन की महती जरूरत है। उन्होनें चिकित्सालय में जरूरतों को पूरा करने के लिये अपनी प्रतिबद्धता दोहरायी।
जिला प्रमुख मधु मेहता ने कहा कि नवीन शोधों से चिकित्सा को नई पहचान मिली है। हमें वैज्ञानिक शोधों को रोग निदान के क्षेत्र में समयबद्ध रूप से अंगीकार करने की जरूरत है।
अध्यक्षता करते हुये आर.एन.टी. मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एस.के.कौशिक ने कहा कि रोग निदान तकनीक में रेडियो डायग्नोसिस का विशेष महत्व है। उन्होंने विकिरण के विपरीत प्रभावों की चर्चा करते हुए कहा कि गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों को इसके खतरों से बचाने के लिए चिकित्सक, तकनीशियनों को विशेष सतर्क रहने की जरूरत है। उन्होंने साइन्स ऑफ इमेजिंग के दौर में चिकित्सकों एवं तकनिशियनों को अधिकाधिक जानकारी होने की जरूरत बतायी। उन्होंने बताया कि आर.एन.टी. कॉलेज में वर्तमान में १३ करोड़ के बजट में से ६.५ करोड़ अकेले रेडियो डायग्नोसिस विभाग को दिये हैं।
महाराणा भूपाल चिकित्सालय के अधीक्षक डॉ. डी.पी.सिंह ने बताया कि रेडियेशन के खतरों को कम नहीं आंका जा सकता है। ऐसे में रेडियोग्राफर्स तकनिकी दक्षता का परिचय देते हुए स्वयं एवं रोगी के परिजनों को विकिरण से बचाने के लिये प्रभावी प्रयास करें। उन्होंने चिकित्सालय मे पद एवं चिकित्सा सुविधाओं को बढ़ाने के लिये समुचित प्रयासों पर बल दिया। आभार आयोजन सचिव मनोज सक्सेना ने जताया।