सस्ते़ उत्पाद बनाकर आगे निकल रहा है चीन
प्रोजेक्ट व्यवहारिकता रिपोर्ट एवं बिजनेस प्लान प्रतियोगिता
udaipur. भारत में जनसामान्य में विद्यमान उद्यम वृति को उभार कर उद्योग एवं वाणिज्य के क्षेत्र में देश द्रुत गति से आगे बढ़ सकता है और विकसित देशों की अग्र पंक्ति में खड़ा हो सकता है। ये विचार इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउन्टेंट्स ऑफ इण्डिया की उदयपुर ब्रान्च के चेयरमैन सी. ए. सुधीर मेहता ने व्यक्त किए। वे पेसिफिक विश्वैविद्यालय के उद्यमिता विकास प्रकोष्ठ एवं इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउन्टेंट्स ऑफ इण्डिया के तत्वावधान में आयोजित अखिल भारतीय प्रोजेक्ट व्यवहारिकता रिपोर्ट एवं बिजनेस प्लान प्रतियोगिता के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे।
मेहता ने कहा कि भारत विश्व के छह अग्रणी आविष्कारक में से एक है एवं ऐसे आविष्कारों को उचित बिजनेस प्लान में ढालकर देश द्रुत आर्थिक वृद्धि दर प्राप्त कर सकता है। मुख्य अतिथि बीएनपीजी कॉलेज में वाणिज्य संकाय की अध्यक्ष डा. मैना जैन ने देश भर के प्रबन्ध संस्थानों एवं सी.ए. का अध्ययन कर रहे छात्रों को सम्बोधित करते हुए कहा कि वाणिज्य एवं प्रबन्ध के छात्रों में उद्यमिता विकास के लिए ऐसी प्रोजेक्ट रिपोर्ट निर्माण प्रतियोगिता अत्यन्त महत्वपूर्ण है। छात्रों में उद्यमिता का गुण विकसित होने पर वे नौकरियों की ओर भागने की अपेक्षा अपना स्वयं का उद्यम स्थापित करने को प्राथमिकता देंगे। औद्योगिक परिप्रेक्ष्य में प्रबंध एवं अकाउटिंग के छात्रों के मध्य उद्यमिता विकास हेतु यह आयोजन किया गया।
उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता पेसिफिक विश्वाविद्यालय के प्रो—प्रेसीडेन्ट प्रो. भगवती प्रकाश शर्मा ने की। अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रो. शर्मा ने बताया कि यदि बदलते हुए वैश्विक वातावरण में भारत को आगे आना है तो अधिक से अधिक उद्यमिता का विकास करना होगा। उन्होंने चीन का उदाहरण देते हुए स्पष्टध किया कि यदि चीन सस्ते उत्पादों का निर्माण कर सकता है, तो भारत भी जुगाड़ इंजीनियरिंग के माध्यम से चीन से स्प र्धा में आगे निकल सकता है। इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउन्टेंट्स ऑफ इण्डिया की उदयपुर ब्रान्च के उपाध्यइक्ष गौरव व्यास ने उपस्थित प्रतिभागियों को अभिप्रेरित करते हुए प्रोजेक्ट फाइनेसिंग के क्षेत्र में प्रचुर रोजगार संभावनाओं की भी व्याख्या की।
उद्घाटन समारोह के पश्चा्त सीनियर एवं जूनियर वर्ग के छात्रों ने अपने बिजनेस प्लान एवं प्रोजेक्ट रिपोर्ट का प्रजेन्टेशन दिया। निर्णायकों के रूप में सी.ए. मनीष अग्रवाल, सी.ए. एम. एस. झंवर, गुरूनानक कॉलेज की बीबीएम समन्वयक डा. रूचिरा सेन एवं विद्या भवन कॉलेज की बीबीएम समन्वयक डॉ. अनुश्री शर्मा उपस्थित थी। सीनियर वर्ग में प्रथम पुरस्कार आई.सी.ए.आई की अनुश्री बापना, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार पेसिफिक विश्व्विद्यालय के सहर्ष एवं रिषभ तथा पलक जैन ने प्राप्त किया। जुनियर वर्ग में प्रथम पुरस्कार यूसीसीएमएस की छात्रा रितिका सोमानी, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार गुरूनानक कॉलेज की मनिषा कुमावत एवं जया शर्मा ने प्राप्त किया। समापन समारोह पर सी. ए. मनीष अग्रवाल ने छात्रों को प्रोजेक्ट फाइनेसिंग की तकनीकि बारीकियों से अवगत कराया। पुरस्कार वितरण अवसर पर उद्यमिता विकास प्रकोष्ठ की समन्वयक प्रोफेसर हर्षिता श्रीमाली उपस्थित थी। धन्यवाद कार्यक्रम के समन्वयक देवेन्द्र श्रीमाली ने दिया।