रोडवेज, बैंकों में नहीं हुआ कामकाज
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udaipur. श्रमिक संगठनों के राष्ट्रव्यापी बंद को व्यापक समर्थन मिला और रोडवेज, बस, बीमा, बैंक कार्यालयों पर इसका खासा असर दिखा। इनके सहित औद्योगिक प्रतिष्ठान पूरी तरह बंद रहे। संभाग मुख्यालय से रोडवेज की किसी बस का संचालन नहीं हुआ। ऑटो चालकों के समर्थन के बावजूद शहर में ऑटो चले। हां स्कूल वाले ऑटो जरूर हड़ताल पर रहे जिससे अभिभावकों की परेड हो गई।
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सवारी ऑटो पर हड़ताल का कोई असर नहीं दिखा। सुबह टाउनहाल से श्रमिक संगठनों ने रैली निकाली जो शहर के मुख्या मार्गों से होती हुई कलक्ट्रेट पहुंची। यहां हुई सभा को विभिन्न श्रमिक नेताओं ने संबोधित किया। यहां वक्ताओं ने कथित विरोधी नीतियों पर जमकर भड़ास निकाली। वक्ताओं ने कहा कि श्रमिक संगठनों की संयुक्त केन्द्रीय समन्वय समिति के कई बार केन्द्र सरकार को चेताने के बावजूद ठोस कार्रवाई नहीं की गई इसलिए मजबूरन हड़ताल जैसा कदम उठाने पर विवश होना पड़ा।
लाखों का नुकसान
श्रमिक हड़ताल सफल रहने से लाखों रुपए का नुकसान हुआ। एक ओर जहां दस लाख से अधिक का नुकसान सिर्फ रोडवेज का बताया गया वहीं समाशोधन गृह नहीं खुलने से बैंकों में चैक क्लियर नहीं हो पाए और अटके रहे जिससे करीब सौ करोड़ का नुकसान हुआ। बैंक यूनियन के पदाधिकारियों ने सुबह दुर्गा नर्सरी रोड स्थित निजी बैंकों आईसीआईसीआई एवं एचडीएफसी के बाहर एकत्र होकर केन्द्रस की नीतियों के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। फिर यहां से बैंककर्मी बैंक तिराहा पहुंचे जहां प्रदर्शन के बाद सभा हुई। फिर यहां से सभी बैंककर्मी श्रमिक संगठनों के साथ रैली में शामिल होकर कलक्ट्रेट पहुंचे। राष्ट्रीयकृत बैंकों के साथ निजी बैंक भी बंद रहे।
स्कूल बंद
कई निजी स्कूंलों ने पहले ही छुट्टी की घोषणा कर दी थी वहीं कुछ स्कूलों में अभिभावकों की बच्चों को छोड़ने के लिए परेड करनी पड़ गई। सुबह-सुबह उनींदे से अभिभावक हड़तालियों और स्कूल प्रबंधन को कोसते हुए बेमन से स्कूल पहुंचे। जहां सुबह पुरुष नहीं उठे वहां महिलाओं को यह कमान संभालनी पड़ी और बच्चों को छोड़ने स्कूल पहुंचीं।
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