अपनी पगड़ी सजाओ प्रतियोगिता में उमड़ी भीड़
सप्तरंग—सप्तस्वर की भव्य प्रस्तुति
उदयपुर। अखिल भारतीय नववर्ष समारोह समिति, नगर परिषद् उदयपुर एवं आलोक संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में चार दिवसीय नववर्ष महोत्सव 2069 के दूसरे दिन आज फतहसागर की पाल (ओवरफ्लो साईड) पर सप्तरंग—सप्तस्वर, वन्देमातरम् व पारम्परिक ‘‘अपनी पगड़ी सजाओ प्रतियोगिता’’ का आयोजन भव्य रूप से किया गया।
मुख्य अतिथि वरिष्ठ पत्रकार सुरेश गोयल, अध्यक्षता अखिल भारतीय नववर्ष समारोह समिति के अध्यक्ष श्यामलाल कुमावत, विशिष्ट अतिथियों में रोटरी क्लब उदयपुर के अध्यक्ष निर्मल कुणावत, सचिव गिरिश मेहता आदि थे।
आलोक संस्थान के निदेशक डॉ. प्रदीप कुमावत ने कहा कि हमारा उद्देश्य हर एक व्यक्ति को भारतीय संस्कृत से जोडऩा है। डॉ. कुमावत ने कहा कि प्रदर्शित सभी पगडि़यों में से एक पगड़ी बदनोर की हवेली वाले हनुमानजी को, दूसरी पगड़ी आलोक संस्थान उदयपुर को, पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र को समर्पित की जायेगी।
डॉ. कुमावत ने कहा कि महाराणा प्रताप फिल्म को 27 अप्रेल को पूरे देश के सिनेमाघरों में प्रदर्शित की जाएगी।
सप्त रंगों की छटा बिखरी ’सप्तरंग—सप्तस्वर’ में : डॉ. कुमावत ने बताया कि आज फतहसागर की पाल (ओवरफ्लो साइड) पर अखिल भारतीय नववर्ष समारोह समिति, नगर परिषद उदयपुर और आलोक संस्थान के तत्वावधान में नववर्ष महोत्सव के दूसरे दिन आलोक संस्थान के 1200 छात्र—छात्राओं द्वारा सप्तरंग—सप्तस्वर की प्रस्तुति दी गई। सप्तरंग—सप्तस्वर कार्यक्रम की रंगारंग प्रस्तुति बच्चों द्वारा दी गई जिसने दर्शकों को आल्हादित किया।
सप्तरंग—सप्तस्वर कार्यक्रम में आलोक संस्थान के १२०० छात्रों द्वारा एक साथ १६ गानों पर नॉन स्टॉरप् प्रस्तुति दी गई। खूबसूरत गीतों को गाते हुए सभी बच्चे एक साथ कदम से कदम मिलाते झूमते नजर आये।
अपनी पगड़ी सजाओ: रोटरी क्लब ऑफ उदयपुर द्वारा प्रायोजित मेवाड़ की शान—मेवाड़ी पाग अपनी पगड़ी सजाओ प्रतियोगिता हुई जिसमें 25 हजार रूपये तक पुरस्कार वितरित किये गये। इस अवसर पर 311, 511,611 और 1111 मीटर की पगडिय़ों को प्रदर्शित किया गया। अतिथियों ने 1111 मीटर पगड़ी का अनावरण किया। पगड़ी को जिनेश कोठारी ने डिजाईन किया। इसे बनाने में 3 घंटे का समय लगा। विदेशी सैलानियों को भी आमंत्रित किया गया था।
पगड़ी सजाओ प्रतियोगिता में 6 वर्ष आयु वर्ग में कल्पना और किया नागदा प्रथम, युग नागदा द्वितीय एवं धवल ने तृतीय पुरस्कार प्राप्त किया। माही जैन को सांत्वना पुरस्कार दिया गया।
7 से 16 वर्ष वर्ग में रितिका परिहार, अक्षय नागदा एवं कुलप्रित कौर क्रमश: प्रथम, द्वितीय व तृतीय रहे। सांत्वना पुरस्कार जसवंतसिंह ने प्राप्त किया।
इससे ऊपर के वर्ग में प्रथम पुरस्कार दौलत सेन. द्वितीय पुरस्कार दिनेश सांखला एवं तृतीय पुरस्कार जय प्रकाश परिहार ने प्राप्त किये।
इस अवसर पर पगड़ी बनाने वाले सुरेन्द्र कोठारी व भूपेन्द्र कोठारी तथा दौलत सेन व जिनेश कोठारी, मंशापूर्ण हनुमान मित्र मण्डल तथा अपनी मूंछों से वजन उठाने वाले एच.आर. पालीवाल का भी सम्मान किया गया।
सैनिकों का सम्मान : इस अवसर पर सैना में योगदान देने के लिये उदयपुर के सैनिकों का सम्मान किया गया। सम्मान प्राप्त करने वाले सैनिकों में कर्नल जी. एल. पानेरी, ले. कर्नल एम.एस. झाला, दुर्गाशंकर पालीवाल, एम.एल. सांवलोत, सब मेजर पूरणसिंह, एम.डब्लू. ओ. शंकरलाल लौहार, एम. डब्लू, ओ. हरिसिंह रांका, कर्नल हेमन्त शर्मा, ब्रिगेडियर रणशेर सिंह राणावत, के. एल. शर्मा प्रमुख थे। स्व. अर्चित वर्डिया को मरणोपरान्त सम्मान उनकी माता बीना वर्डिया को दिया गया।
वन्देमातरम् गायन : ‘वन्देमातरम’ का सामूहिक गान हुआ जिसमें आलोक संस्थान के छात्र—छात्राओं, अध्यापक, अध्यापिकाओं, आम नागरिकों व अतिथियों ने अपने देशप्रेम का जज्बा दिखाते हुए लोगों को हाथों में मोमबत्ती जलाकर एवं समवेत स्वर में भारत माता की जय व वन्देमातरम् के उद्घोष के साथ एकजुट हो वन्देमातरम गीत गाकर फतहसागर के वातावरण को गूँजा दिया।
नशा मुक्ति संकल्प : इस अवसर पर सभी अतिथियों सहित सभी लोगों ने द्वारा नशे के खिलाफ अपने संकल्प संदेश को बैनर पर लिखे। एच. आर. पालीवाल ने अपनी मूछों से 35 किलो वजन उठाकर श्रोताओं को तालियां बजाने के लिये मजबूर कर दिया।
ज्योति कलश चेतना यात्रा 22 को : नाथद्वारा धाम से प्रारम्भ होने वाली ज्योति कलश चेतना यात्रा में मुज्जफरनगर से मंगवाये गये विशेष घटस्थापना किए जाएंगे। इसके साथ दो विशाल मशालें यात्रा के लिये तैयार की गई हैं। यह यात्रा नाथद्वारा से प्रारम्भ होकर एकलिंगजी, चिरवा, अम्बेरी, सुखेर, भुवाणा, पूला, फतहपुरा, पंचवटी, चेतक चौराहा, हाथीपोल, मोती चोहट्टा, घंटाघर, जगदीश चौक होते हुये नगर में प्रवेश करने पर नगर परिषद् सभापति रजनी डांगी इसकी अगुवाई करेगी तथा ज्योति कलश यात्रा का स्वागत कर यात्रा में साथ चलेगी।
यह यात्रा जगदीश चौक पहुँचने पर पुन: इसका ढ़ोल-नगाड़ों के साथ इसका स्वागत किया जायेगा। तथा अन्त में यह यात्रा गणगौर घाट पर सांय 7 बजे पहुँचेगी। पवित्र ज्योति को निकालकर वहीं से दीप प्रज्जवलित कर भव्य दीप प्रवाह, गंगा आरती और विभिन्न आयोजन होंगे।