महावीर युवा मंच के कवि सम्मेलन में देर रात तक डटे रहे श्रोता
उदयपुर। महावीर युवा मंच द्वारा महावीर जयंती के उपलक्ष्य में शनिवार रात को भारतीय लोक कला मण्डल के मुक्ताकाशी रंगमंच पर अखिल भारतीय हास्य-शृंगार-वीररस कवि सम्मेलन रसवर्षा 2012 का आयोजन किया गया जिसमें ख्यातनाम कवियों ने एक से बढक़र एक कविताएं पेश कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
कवि सम्मेलन का आरंभ धौलपुर के रामबाबू सिकरवाल ने फिल्मी पैरोडियों से किया। उनके बाद आए जयपुर से युवा कवि अशोक चारण ने ओज में कविताएं पढ़ते हुए महाराणा प्रताप, उनके भाई शक्तिसिंह, हकीम खां सूर और राजा मानसिंह को लेकर कविता प्रस्तुत की। इनके बाद ईटावा से आए कमलेश शर्मा ने मधुर स्वर में सोये भारम में नवीन ऊर्जा भर देता है, भ्रष्ट व्यवस्था के विरोध को भी स्वर देता है, अन्ना जैसा एक मर्द यदि अपनी पर आए, दिल्ली तक को भी घुटनों के बल कर देता है सुनाकर श्रोताओं की खूब दाद लूटी। फिर दिल्ली के दीपक गुप्ता ने हवा का काम है जलते चरागों को बुझाने का, हमारा फर्ज है अंधियारे में दीपक जलाने का, हमें महसूस करना हो तो आंखें बंद कर लेना, पता कुछ भी नहीं होता फकीरों के ठिकाने का कविता प्रस्तुत की।
धार से आए संदीप शर्मा ने एक धर्म जो पूजे बंदर भालु कछुए मछली को, एक धर्म जो जगह दे रहा सबको असली नकली को, एक धर्म जो तुलसी पूजे नदियों को त्राता माने, एक धर्म जो नदी पूजे गायों को …. तथा अरे त्याग का रंग राष्ट्र कलंकी नहीं हो सकता, कुछ भी हो जाए भगवा आतंकी नहीं हो सकता कविता प्रस्तुत की और वाहवाही पाई। भोपाल की अंजुमन रहबर ने ये किसी का नाम नहीं होता, ये किसी धाम का नहीं होता, प्यार में जब तलक नहीं टूटे, दिल किसी काम का नहीं होता तथा है अगर प्यार तो मत छुपाया करो, हमसे मिलने सरेआम आया करो कविता पेश कर श्रोताओं का भरपूर मनोरंजन किया। अपनी मशहूर कविता आधी रात को माइकल दारू पी के आता है सुनाकर श्रोताओं की मांग भी पूरी की।
गाजियाबाद से आए कवि अर्जुन सिसोदिया ने खून के छींटे लगे हैं अम्न की तस्वीर में, धार इतनी हो गई है जुर्म की शमशीर में, और इस आवाम में आवाज है ना शोर है, बुझदिली किसने लिखी ये मुल्क की तकदीर में सुनाकर श्रोताओं को रस विभोर कर दिया। संचालन कर रहे उदयपुर के राव अजातशत्रु ने समय की कमी को देखते हुए बाल कवि बैरागी को कविता पाठ के लिए आमंत्रित किया लेकिन बाल कवि बैरागी ने मंच की मर्यादा का हवाला देते हुए अजातशत्रु से भी काव्यपाठ करने को कहा। इस पर उन्होंने म्हारो प्यारो राजस्थान कविता सुनाकर खूब तालियां बटोरी।
अंत में मनासा से आए मशहूर लेखक और रेशमा और शेरा के गीत लिखने वाले बालकवि बैरागी ने श्रोताओं की नब्ज पर हाथ रखते हुए अपने शब्द बाण दागे और समां बांध दिया। मैं हारा नहीं हूं…, सूर्य के आगे दीपक की महत्ता बताते हुए उन्होंने एकबारगी जनमानस को सोचने पर मजबूर कर दिया। उन्होंने जाने-पहचाने छंद सुनाते हुए जीवन को महोत्सव और मृत्यु हो महामहोत्सव बताते हुए अपनी पत्नी के नौ माह पूर्व हुए देहावसान पर महामहोत्सव मनाने की बात कही। व्यक्ति महावीर तभी बन सकता है जब वह पेड़ों को भी चोट पहुंचने की बात ध्यान रखे और त्रिशला मां वही हो सकती है जो अपने पुत्र की बात को ध्यान में रखते हुए कभी फूलों का शृंगार ही नहीं करे।
कवि सम्मेलन में इंडियन आइडल की प्रतिभागी रही सुश्री सौम्या तलेसरा ने गीत प्रस्तुत कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। मंच के नए अध्यक्ष नीरज सिंघवी ने बताया कि पर स्व. कृष्णकांत कर्णावट की स्मृति में युवा कवि पुरस्कार नवोदित कवि ‘वाणी’ गौरव गोलछा को प्रदान किया गया। शॉल, पगड़ी, माला एवं अभिनंदपत्र भेंट इस वर्ष यह कवि सम्मेलन युवा उद्यमी एवं समाजसेवी स्व. अभय करणपुरिया को समर्पित किया गया। समाज के समाजसेवियों तथा युवाओं का सम्माभन भी किया गया।
प्रारंभ में मुख्य संरक्षक प्रमोद सामर ने मंच की गतिविधियों की जानकारी दी। इस अवसर पर महावीर युवा मंच की नवीन कार्यकारिणी को शपथ दिलाई गई। आरंभिक संचालन डॉ. लोकेश जैन ने किया।