उदयपुर. महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय उदयपुर के कुलपति प्रो. एस. एस. चाहल का कार्यकाल 5 अप्रैल को पूर्ण होने पर शैक्षणेत्तर कर्मचारी संघ की ओर से सोमवार को विदाई समारोह हुआ।
कुलपति चाहल ने बताया कि उन्होंने बड़े धैर्य से शुरूआत में स्थितियों को समझा व उनका मूल्यांकन कर विश्वविद्यालय के स्वरूप को कठिनाईयों से उबारने व उसे पटरी पर लाने की एक योजना बनाई। कालान्तर में तो विश्वविद्यालय प्रशासन के सामने गम्भीर वित्तीय संकट आ खडा हुआ परन्तु ऐसे विकट समय में भी सन्तुलन बनाये रखते हुये सरकार पर निरन्तर दबाव बनाये रखा जिसके फलस्वरूप हमारी ब्लॉक ग्रान्ट 24 करोड़ से बढ़ कर आज 48 करोड़ के आसपास पहुंच गई है। सभी कर्मचारियों को वेतन सहित छठे वेतन आयोग के वेतनमान का एरियर का भुगतान हो चुका है जो एक बड़ी उपलब्धि है।
चाहल ने बताया कि विश्वविद्यालय में उनके कार्यकाल के दौरान अर्जित विभिन्न उपल्बधियों के फलस्वरूप विश्वविद्यालय आज देश के कृषि क्षेत्र की प्रथम पंक्ति में अपना स्थान बना पाया है। उन्होंने सफलता का मंत्र दिया कि कर्मचारी आपसी मतभेद को भूलकर विश्वविद्यालय को प्राथमिकता देगें तो न सिर्फ हमारा कार्य निखरेगा अपितु राष्ट्रीय स्तर पर भी हमारी पहचान बनेगी। समस्त कर्मचारियों की ओर से प्रो० चाहल एवं श्रीमती चाहल का करतल ध्वनि से हार्दिक स्वागत किया गया।
शैक्षणेत्तर कर्मचारी संघ के अध्यक्ष करणसिंह ने बताया कि प्रो० चाहल ने वरियता सूची का प्रकाशन, सभी संवर्गो की पदोन्नति, प्राध्यापकों के सीएएस, कुलपति चल वैजयन्ति खेलकूद प्रतियोगिताओ का सफल आयोजन इत्यादि, अनेक कार्य सम्पादित किये।
इस अवसर पर विभिन्न संगठक महाविद्यालयों के अधिष्ठाता, निदेशक, कुल सचिव, वित्त नियन्त्रक, भू—सम्पत्ति अधिकारी, शैक्षणेत्तर कर्मचारी संघ के समस्त इकाईयों के प्रधान, सचिव, केन्द्रीय कार्यकारिणी के पदाधिकारीगण एवं केन्द्रीय कार्यकारिण सदस्य एवं कर्मचारी साथी उपस्थित थे। कार्यक्रम के दौरान कुलपति के निजी सचिव गुलाबसिंह चौहान को 31 मार्च पर सेवा निवृत्ती के अवसर पर शॉल एवं पुष्पाहार भेंट कर सम्मानित किया गया।