देश का 55 वां विवि
सुविवि और इनफ्लिबीनेट सेन्ट र के बीच एमओयू
उदयपुर। मोहनलाल सुखाडिया विश्वविद्यालय और इनफ्लिबीनेट सेन्टंर अहमदाबाद के बीच मंगलवार को विज्ञान महाविद्यालय के विवेकानन्द सभागार में आयोजित हुए समारोह में एक एमओयू हस्ताक्षर किया गया जिसके तहत सुविवि में किए जा रहे रिसर्च को दुनिया भर के शोधार्थी भी ऑनलाइन पढ सकेंगे।
अध्यक्षता विज्ञान महाविद्यालय के अधिष्ठा ता प्रो. महीप भटनागर ने की। डीन पीजी स्टडीज प्रो. वेणुगोपालन ने इस परियोजना से शोधार्थियों को होने वाले फायदों की जानकारी दी तथा बताया कि यह बेहतर शोध में मददगार सिद्ध होगा। मुख्य वक्ता इनफ्लिबीनेट अहमदाबाद के वैज्ञानिक डॉ. मनोज कुमार थे। दोनों पक्षों की ओर से एमओयू पर आपस में हस्ताक्षर कर करार किया गया। यूनिवर्सिटी सेन्ट्रल लाइब्रेरी के प्रभारी प्रो. ए. के. गोस्वामी तथा डॉ. रामकेश मीणा ने भी विचार व्ययक्तस किए।
क्या है इनफ्लिबीनेट
यह अहमदाबाद की ऑनलाइन कम्परनी है जो शोधगंगा नाम से एक परियोजना संचालित करती है जिसके साथ देश भर की 54 यूनिवर्सिटीज एमओयू हस्ताक्षर कर चुकी है। शोधगंगा में शामिल होने से सुविवि के पीएचडी शोधार्थियों की थिसिस दुनियाभर में पीएचडी स्कालर्स के लिए मार्गदर्शक और संदर्भ सामग्री के तौर पर काम में आ सकेगी। इसी तरह सुविवि के शोधार्थी भी अन्य यूनिवर्सिटीज में हो चुकी पीएचडी थिसिस का अवलोकन और अध्ययन इस शोधगंगा के माध्यम से कर पाएंगे। कम्पनी की ओर से एक साफ्टवेयर दिया जाएगा जिससे थिसिस की आपस में नकल को आसानी से पकडा जा सकेगा। इससे मौलिक शोध कार्य अध्ययन किए जा सकेंगे तथा उसके कापी करने के खतरे से भी बचाव होगा। यह साफ्टवेयर यह भी सूचना देगा कि किसी शोध कार्य की आपस में नकल तो नही की गई है। यूजीसी की ओर से थिसिस के इस डिजिटल करने की प्रक्रिया और लेब बनाने के लिए इनफ्लिबीनेट के माध्य म से अनुदान भी दिया जाएगा और समय समय पर इसका मूल्यांफकन भी होगा। इस करार के साथ ही सुविवि देश का 55 वां तथा प्रदेश का दूसरा विश्वविद्यालय हो गया है जिसने इस तरह का करार किया है।