उदयपुर। सेवा मन्दिर परिसर में स्व. डॉ मोहन सिंह मेहता की 117 वीं वर्षगाठ संस्था दिवस के रूप में मनाई गई। मुख्य अतिथि मिट्ठालाल मेहता ने कहा कि समाज में बदलती परिस्थितियों के बावजूद सेवा मंदिर जैसी संस्थाओं ने दृढ़ मिशन एवं विश्वासस के सहारे पहचान कायम रखी है, यह सराहनीय है। जरूर 46 वर्षों के अनवरत सफर में उतार—चढ़ाव आए होंगे लेकिन बिना मार्ग से भटके संस्था ने मूल्यों का संरक्षण किया है।
सरकार की आज अनेक विकास योजनाओं के साथ स्वयं सेवी संस्थाओं को उनके काम करने का दायरा सीमित होता जा रहा है, जिससे गुणवत्ता पूर्ण विकास को लेकर संशय है। विकास के कई अपरिपक्व मॉडलों में भी बदलाव की स्थिति बन रही है। सेवा मंदिर को अपने प्रयासों में विश्वाैस बनाये रखने के सतत् प्रयास करते रहना है।
अध्यक्षता करते हुए सेवा मंदिर के न्याासी मोहनसिंह कोठारी ने कहा कि एनजीओ में कार्यों की गुणवत्ता होनी चाहिए तभी वे साम्य एवं साधना का कार्य कर सकती हैं। नीलिमा खेतान, रियाज तहसीन, विजयसिंह मेहता, लियाकत, हेमराज भाटी, जगत सिंह मेहता ने भी विचार व्याक्ता किए। महासचिव ने अतिथियों का स्वागत किया एवं धन्यवाद गोवर्धनसिंह झाला ने दिया। समन्वयन मो. याकूब खान ने किया।