दिल्ली में राहुल गांधी से मिले कई कांग्रेसी विधायक
अतिथि लेखक : रमेश सर्राफ
झुंझुनू। राजस्थान में कांग्रेस पार्टी के एक दर्जन से अधिक विधायकों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को हटाने की मुहिम छेड़ दी है। इन विधायकों ने गत दिनों नई दिल्ली में कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव राहुल गांधी से बीस मिनट तक मुलाकात कर राज्य की अशोक गहलोत सरकार के निकम्मेपन पर खुलकर बातचीत की। विधायकों ने कहा कि राज्य में नौकरशाही हावी है। मंत्रियों के विभागों में प्रमुख शासन सचिव ही सर्वेसर्वा होने से सरकार के मंत्री असहाय हो रहें हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत विधायकों से मिलने में भी गुरेज करते हैं।
मिलने का वक्त देते हैं तो पूरी बात सुनने से पहले ही तीन-चार मिनट में अगले मुलाकाती के लिए घंटी बजा देते हैं जिस कारण मुख्यमंत्री से मिलने वाला विधायक अपनी पूरी बात नहीं कह पाता है। विधायकों के क्षेत्रों में कोई विकास कार्य नहीं हो रहा है। मुख्यमंत्री की बहुप्रचारित लोकप्रिय फ्लेगशिप योजनाएं मात्र कागजों में सिमट कर रह गयी है, धरातल पर कुछ नहीं है।
राहुल गांधी मिलने वाले विधायकों ने कहा कि हम अपनी समस्याये किसे बतायें। विधायक दल की बैठक तक नहीं बुलाई जाती। विधायक दल और संगठन के स्तर पर आतंरित लोकतंत्र नाम की कोई चीज नहीं है। आखिर हम अपनी बात किस मंच पर कहें। इन विधायकों ने कहा कि मुख्यमंत्री सप्ताह में एक बार अपने सरकारी आवास पर जन सुनवाई करते हैं, जिसमें चार-पांच हजार लोगों का जमावड़ा होता है। इतनी तादाद में लोगों का जयपुर आकर मुख्यमंत्री से मिलने का सीधा सा मतलब यही है कि तहसील ओर जिला स्तर पर लोगों की कोई सुनवाई नहीं होती है। जिलों में जिला कलेक्टर,उपखण्ड अधिकारी, तहसीलदार आम जनता से दूर रहतें हैं। थानों में पीडि़त पक्ष की न सुनकर दलालों का सामा्रज्य व्याप्त हो रहा है।
मुख्यमंत्री खुद इतनी भीड़ को डेढ़-दो घंटे में निपटा कर उनसे प्रार्थना पत्र आदि लेकर सचिवालय के लिए उडऩ- छू हो जाते हैं। भीड़ से मिलने वालों के प्रार्थना पत्र कहां जाते हैं ? आज तक पता नहीं लग पाया। इन विधायकों ने राहुल गांधी से स्पष्ट कहा कि वर्तमान हालात में राजस्थान के अधिकांश विधायकों का वापस चुनाव जीतकर आना मुश्किल हो रहा हैं। सरकार और संगठन को चुस्त दुरूस्त कर पार्टी की छवि को सुधारने का अभी भी वक्त है।
विधायकों ने राहुल गांधी से कह दिया कि वर्तमान हालात में बिना सत्ता और संगठन में बदलाव किए कांग्रेस 2013 के अंत में होने वाले राज्य विधान सभा चुनावों में पुन: सत्ता में नहीं आ सकती। इसके पक्ष में उन्होंने बहुचर्चित गोपालगढ़ कांड, भवरी देवी प्रकरण, सवाई माधापुर के सूरवाल में पुलिस इंस्पेक्टर फूल मोहम्मद को जलाकर मार डालने जैसे ज्वलंत मुद्दों की भी राहुल गांधी को जानकारी दी। अनुसूचित जाति के कर्मचारियों और अधिकारियों के पदोन्नति में आरक्षण, किसानों को फसलों में हुई क्षति के मुआवजे, समर्थन मूल्य पर अनाज की खरीद, यूरिया तथा डी.ए.पी. खाद की कमी आदि मुद्दों पर भी राहुल गांधी में चर्चा की।
राहुल गांधी से मिलने वाले विधायकों में प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष उदयलाल आंजना, कर्नल सोनाराम, सी.एल. प्रेमी, श्रवण कुमार, संतोष सहारण, रूपाराम डूडी, गंगा सहाय शर्मा, प्रदीप कुमार सिंह, पुष्करलाल डांगी, सज्जन कटारा, लालशंकर घाटिया,जाकिर हुसैन तथा दौलत राज नायक आदि शामिल हैं। इन विधायकों ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुद कहते हैं कि मेरे से कोई शिकायत है तो हाईकमान से कहो। इसीलिए आपके पास अपनी फरियाद लेकर आए हैं। जवाब में राहुल गांधी ने कहा कि आप जो परेशानियां को लेकर आए हैं उसे मैं देखूंगा। राजस्थान में मुख्यमंत्री गहलोत की कार्यप्रणाली से नाराज विधायकों को पूर्व मंत्री भंवरलाल मेघवाल, प्रमोद जैन भाया, रामलाल जाट,विधायक भंवरू खान,प्रताप सिंह खाचरियावास का भी अन्दरखाने समर्थन मिल रहा है।
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव नतीजों के बाद से ही राज्य के यह असंतुष्ट विधायक लगातार कांग्रेस हाईकमान तक अपनी बात पहुंचा रहे हैं। पिछले दिनों ही उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनैतिक सलाहकार अहमद पटेल, केन्द्रीय मंत्री व राजस्थान कांग्रेस प्रभारी मुकुल वासनिक से कांग्रेस मुख्यालय में मुलाकात कर राज्य की बिगड़ती हुई स्थिति के बारे में अपनी जानकारी दी थी।