उदयपुर। भारतीय सांस्कृतिक निधि (इन्टेक) की स्थानीय शाखा द्वारा 30 अप्रेल सोमवार को मेवाड़ क्षेत्र की पारम्परिक जीवन्त विरासत: ’दशा एवं दिशा‘ विषय पर एक दिवसीय विचारगोष्ठी एवं कार्यशाला का आयोजन मोहनलाल सुखाडि़य़ा विश्वविद्यालय के कला महाविद्यालय के सेमीनर हॉल में किया जा रहा है। संगोठी एंव कार्यशाला सुबह 10 बजे प्रारम्भ होगी।
क्षेत्रीय संयोजक एस. के. वर्मा ने बताया कि कार्यशाला में मेवाड़ की जीवन्त विरासत पर गहनता से चर्चा होगी एवं पारम्परिक लोक कलाओं जैसे मोलेला टेराकोटा, अकोला व अन्य छपाई, पेंटिग आदि ख्याति प्राप्त कलाकार अपनी कलाकृतियों के साथ भाग लेंगें। संगोष्ठी एंव कार्यशाला के मुख्य अतिथि सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय क कुलपति प्रो. इन्द्रवर्धन त्रिवेदी होगें जबकि इन्टैक मुख्यालय अन्य स्थानों के विषय विशेषज्ञ कलाकारों की समस्या एंव उनके समाधान हेतु उपस्थित होंगे। जीवन्त विरासत को राष्ट्रीय पटल पर लाने हेतु इस पर गहनता से विचार विमर्श किया जायेगा।
भारतीय संस्कृति निधि- भारत सरकार के संस्कूति विभाग के सौजन्य से देश की विभिन्न पारम्परिक विधाओं को सूचीबद्ध कर, सहेजने एवं समृद्धि की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देने वाली यह एक राष्ट्रीय संस्था है।