हिन्दुस्तान जिंक, नगर परिषद व नगर विकास प्रन्यास ने किया त्रिपक्षीय समझौता
उदयपुर की सुन्दरता एवं स्वच्छता के संदर्भ में एक बड़ी पहल
उदयपुर। और अंतत: हिन्दुस्तान जिंक की पहल रंग लाई। मई, 2010 से विचाराधीन उदयपुर के पहले सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट को मंजूरी मिल गई। बुधवार को नगर विकास प्रन्याषस परिसर में हिन्दुस्तान जिंक, नगर परिषद एवं नगर विकास प्रन्यास ने एक त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किये। 20 मिलियन टन प्रतिदिन क्षमता वाले इस ट्रीटमेंट प्लांट को मनवाखेड़ा के आसपास लगाया जाएगा। हिन्दुस्तान जिंक प्लांट लगाएगा। इसके लिए यूआईटी शीघ्र ही भूमि का चयन कर सौंपेगी।
अत्याधुनिक तकनीक से बनाया जाने वाला यह प्रस्तावित प्लांट राजस्थान में पहला होगा। प्रदूषण नियंत्रण मंडल सहित सभी मान्यता प्राप्त एजेन्सियों के मापदण्डों पर यह खरा उतरेगा। नगर परिषद की यह जिम्मेदारी होगी कि उदयपुर का तमाम सीवरेज हिन्दुस्तान जिंक द्वारा बनाये जा रहे इस सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट तक पंहुचे। प्लांट लगने के बाद उदयपुर की प्रदूषण एवं सीवरेज की समस्या में महत्वरपूर्ण सुव्यवस्था एवं सुधार आयेगा।
सीवरेज ट्रीटमेंट के पश्चात् बनी उर्वरक पर उदयपुर नगर परिषद का सम्पूर्ण अधिकार होगा जिसे वह पाक्षिक रूप से निस्तारित करेगा ताकि इस उर्वरक का अनावश्योक भण्डार न बन सके। इसके निस्तारण से उदयपुर नगर परिषद को लगभग एक करोड़ रुपए सालाना राजस्व अर्जित होने की संभावना है।
हिन्दुस्तान जिंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अखिलेश जोशी ने कहा कि ‘‘उदयपुर का विश्वव के पर्यटन मानचित्र पर विशेष स्थान है। इसकी सुन्दरता व वास्तविकता के लिए इस सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना होना जरूरी था। हम राजस्थान सरकार के साथ मिलकर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की स्था पना करते हुए काफी हर्ष महसूस कर रहे हैं।
जिंक के कॉर्पोरेट हेड (सीएसआर) पवन कौशिक ने बताया कि हिन्दुस्तान जिंक ने राजस्थान सरकार के साथ मिलकर राज्य में अनेक सामाजिक कल्याण व विकास की योजनाएं क्रिन्यान्वित की हैं। उदयपुर में ठोकर चौराहा निर्माण, उदयपोल चौराहे का प्रस्तावित नवीनीकरण तथा अब सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना हिन्दुस्तान जिंक की सामाजिक विकास के प्रति अपनी कटिबद्धता दर्शाता है।