उदयपुर। कूटरचित तरीके से फर्जी मेडिक़ल प्रमाण पत्र प्राप्त कर मेडिकल अवकाश प्राप्त कर लोगों को परेशान करने वाले डाक एवं तार विभाग के डाक कर्मचारी के विरूद्ध उदयपुर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने सूरजपोल थाना पुलिस को धोखाधड़ी करने तथा विभिन्न चिकित्सकों को गुमराह करने तथा राजस्व प्राप्ति के मामले में धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज करने के आदेश दिये हैं।
प्रार्थी अधिवक्ता हरीश पालीवाल की ओर से दायर इस्तगासे में सुनवाई के बाद ये आदेश दिए गए। प्रार्थी हरीश पालीवाल ने अपने अधिवक्ता रमेश नन्दवाना, शान्तिलाल पामेचा, शम्भूसिंह राठौड़, प्रेमसिंह पंवार आदि वरिष्ठ अधिवक्ताओं के माध्यम से इस्तगासे में बताया कि डाक विभाग के डाक सहायक लीलाधर शर्मा उर्फ एल. डी. शर्मा ने अपने विभाग पासपोर्ट शाखा व बी डी शाखा के आकस्मिक निरीक्षण के दौरान पाई गई गम्भीर वित्तीय अनियमितताओं के बाद प्रवर अधीक्षक एस एन जोशी द्वारा दिये गये आरोप पत्र से बचने के लिये 23 दिसम्बर 2010 से 31 अगस्त 2011 तक विभिन्न चिकित्सकों से फर्जी मेडिकल प्रमाण पत्र प्राप्त किये।
इस्तरगासे में आरोप है कि इन मेडिकल छुटिटयों के दौरान शर्मा अपने चंद तथाकथित लोगों के साथ उदयपुर में प्रवर अधीक्षक के विरूद्ध डाक विभाग, चेतक सर्किल एवं जिला कलेक्ट्री के बाहर धरना प्रदर्शन करने, उनका पुतला दहन करवाने और विभिन्न झूठे मुकदमे झूठे तथ्यों एंव अपनी वैवाहिक स्थिति को छुपा कर पहली पत्नी के नाम पर सहानुभूति प्राप्त कर झूठे प्रकरण दर्ज कराने, समाचार पत्रों में झूठी खबरें प्रकाशित कराने में व्यस्त रहा।
प्रार्थी को शर्मा के इस धोखाधडी एंव कृत्य का व सभी मेडिकल प्रमाण पत्रों और उनकी सच्चाई का आभास सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत प्राप्त सूचनाओं के बाद हुआ जो प्रार्थी ने मय दस्तावेज कोर्ट के मार्फत पुलिस को सौपे है। पुलिस थाना सूरजपोल ने शर्मा के विरूद्ध प्रकरण संख्या 242 / 2012 भादसं की धारा 420 के तहत प्रकरण दर्ज कर जांच एएसआई सुरेन्द्र सिंह जान्दौल को सौंपी है।
समाचार : रवि मल्होत्रा