हिन्द जिंक वेदांता के सहयोग से हुआ आयोजन, समूहों की कार्यप्रणाली पर मंथन
उदयपुर। चार जिलों उदयपुर, भीलवाड़ा, चित्तौडग़ढ़ एवं राजसमंद, की महिला स्वयं सहायता समूहों का सम्मेलन बुधवार को उदयपुर के सुविवि सभागार में हुआ। इस महाकुम्भ में वेदान्ता-हिन्दुस्तान जिंक के गठित स्वयं सहायता समूह से जुड़ी तकरीबन 1600 महिलाओं ने समूह के गठन, परिवारों में आ रहे बदलाव, गांवों में आ रहे आर्थिक व सामाजिक उत्थान एवं बदलते बाजार पर गहन मंथन किया।
मुख्य अतिथि के रूप में वेदान्ता समूह के चेयरमैन अनिल अग्रवाल की सुपुत्री प्रिया अग्रवाल मौजूद थीं। अन्य अतिथियों के रूप में इनके साथ महिला एवं बाल विकास विभाग की अतिरिक्त निदेशक डॉ. मुक्ता अरोड़ा, स्वयं सहायता समूह की प्रोग्राम डायरेक्टर सरला मेहता, आईआईएम उदयपुर की सहायक प्रोफेसर संध्या भाटिया, आईसीडीएस उपनिदेशक अंशुल भटनागर, सीओएसवी निदेशक अलका शर्मा, विश्वास संस्थान की अध्यकक्ष प्रवीना त्रिवेदी तथा वेदान्ता फाउण्डेशन से श्रीमती एस. चामुण्डी तथा हिन्दुस्तान जिंक से अनुपमा सिंघल एवं सीमा निझावन भी उपस्थित रही।
एक्शन फॉर कम्यूनिटी एम्पावरमेंट के डॉ. सी.पी. कुम्भट ने गांवों में राजस्थान सरकार व वेदांता हिन्दुस्तान जिंक द्वारा चलाये जा रहे सामाजिक कार्योंक्रमों के प्रभाव पर विचार व्यक्त किए।
डॉ. मुक्ता अरोड़ा ने महिलाओं को सरकारी सहायता तथा बैंकों से जुड़ाव व सरकार का स्वयं सहायता समूह के गठन व विकास संबंधी जानकारी दी वहीं सरला मेहता ने राजस्थान में स्वयं सहायता समूह के माध्यम से आ रहे बदलाव तथा उनको कम्प्यूटर शिक्षा के माध्यम से सुदृढ़ बनाने पर विचार व्यक्त किये।
देबारी स्वयं सहायता समूह की सदस्य नीलम सोखी ने बताया कि वेदान्ता-हिन्दुस्तान जिंक के प्रयास से गांवों में स्वयं सहायता समूह की संख्या में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है। महिलाओं को परिवारों से पूर्ण प्रोत्साहन व समर्थन मिल रहा है। गणेशपुरा की वार्डपंच चंचल पारीक ने बताया कि महिलाओं की मासिक आमदनी में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है तथा अब वे प्रतिमाह 7000 रुपए तक कमा लेती हैं। जावर की प्रेम देवी प्रौढ़ शिक्षा केन्द्रों में शिक्षा से प्रभावित हैं तथा गांवों में उसका प्रचार कर रही है। मटून की तुलसी देवी भी स्वयं सहायता समूह से जुडक़र अपने परिवार में एक अलग पहचान बना चुकी है।
महिलाएं घर का खर्च स्वयं सम्भालती हैं तथा अपना बैंक खाता चलाती है। हिसाब रखती है और घर से संचालित लघु उद्योग में भी हाथ बटाने लगी है। गांव-गांव में महिलाएं मिलकर स्वयं सहायता समूह गठित कर रही हैं। यह स्वयं सहायता समूह अब बैंकों से भी जुड़ गए हैं। बैंक भी इन स्वयं सहायता समूहों को बेहद सस्ती दरों पर ऋण उपलब्ध करा रहे हैं।
स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने विश्वा स संस्थान, एक्शिन फॉर कम्युनिटी एम्पावरमेंट तथा कोस्व सस्थाओं के सहयोग से एक प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जिसमें उन्होंने अपने बनाये हुए सामान की प्रदर्शनी लगाई गई। इनमें हाथ से बने बैग, लेडिज सूट, साड़ी, दरियां, टेरीकोटा से बनी मूर्तियां, सजावट का सामान तथा कत्रिम जेवर आदि शामिल थे।
इससे पहले प्रिया अग्रवाल वेदान्ता-हिन्दुस्तान जिंक द्वारा चलाये जा रहे आंगनवाड़ी केन्द्रों व कृषि विकास के क्षेत्र में किये जा रहे कार्यों को देखने जावर गईं। वेदान्ता-हिन्दुस्तान जिंक ने राजस्थान सरकार के सहयोग से 1500 आंगनवाड़ी केन्द्रों को अपनाया है तथा बायफ संस्थान के सहयोग से कृषि एवं पशु विकास के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य कर रही है।
बिन्नोो से की मुलाकात
प्रिया अग्रवाल ने वेदान्ता समूह की बहुचर्चित बाल कलाकार बिन्नो से मुलाकात की। बिन्नो वेदान्ता समूह की वंचित बच्चों में शिक्षा—सुपोषण—स्वास्थ्य पर बनी बहुचर्चित फिल्म की बाल-कलाकार है। बिन्नो की सम्पूर्ण शिक्षा, स्वास्थ्य तथा सुपोषण की जिम्मेदारी वेदान्ता—हिन्दुस्तान जिंक ने ले ली है।
हिन्दुस्तान जिंक राजस्थान सरकार के साथ मिलकर राज्य में शिक्षा, स्वास्थ्य एवं सुपोषण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योजनाओं पर कार्य कर रही है। कृषि विकास एवं ग्रामीण युवाओं को प्रशिक्षण के क्षेत्र में भी हिन्दुस्तान जिंक ने सराहनीय कार्य किया है।