संगठित अपराधों पर रोक के लिए रणनीति तैयार
तीन राज्यों के पुलिस महानिदेशकों की संयुक्त बैठक
उदयपुर। संगठित अपराधों को लेकर राजस्थान, मध्यप्रदेश और गुजरात के पुलिस महानिदेशकों की संयुक्त बैठक में नई रणनीति तैयार की गई। बैठक शुक्रवार को यहां आरएसएमएम सभागार में हुई। इसमें राजस्थान के डीजीपी हरीश मीणा, मध्यप्रदेश के नंदन दुबे तथा गुजरात के डीजीपी चितरंजन सिंह सहित कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारी शामिल हुए।
बाद में पत्रकारों से बातचीत में इन्होंने बताया कि शराब तस्करी, गोवंश तस्करी, नक्सलवाद और मानव तस्करी के मुद्दों को रोकने तथा इसकी विस्तृत कार्ययोजना पर गहन विचार किया गया। इसी तर्ज पर तीनों राज्यों के आईजी, डीआईजी और एसपी स्तर पर भी बैठकें होंगी। बॉर्डर क्षेत्र में होने वाले अपराधों पर लगाम लगाने की रणनीति तैयार की गई है। एक प्रश्न के जवाब में मीणा ने बताया कि फिलहाल सिर्फ रणनीति तैयार की गई है। इसे किस प्रकार और कब लागू करने के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इस बारे में उच्चाधिकारियों व सरकार से बातचीत करने के बाद लागू किया जाएगा।
स्टेट क्राइम रिपोर्ट ब्यूरो के शरद कविराज ने बताया कि पुलिस की नई तैयार की गई वेबसाइट की जानकारी दी। 1 फरवरी, 2011 से उक्त साइट चल रही है। इस पर वांटेड अपराधी, चर्चित केसेज आदि की जानकारी दी गई है। इसी तरह गुजरात और मध्यप्रदेश की साइट भी तैयार की जाएगी ताकि अपराधी तीनों राज्यों में पकड़े जा सकें। राजस्थान में साइट के जरिये एक वर्ष में 30 हजार वारंटियों को पकड़ा जा चुका है। साइट के जरिये ही तीनों राज्यों में अपराधियों की गेपिंग को खत्म करने की भी कवायद की जाएगी। इससे दिन से दिन ही अपराध पर कंट्रोल किया जा सकेगा।
बैठक में तीनों राज्यों के कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। इनमें राजस्थान के आलोक त्रिपाठी, दलपतसिंह दिनकर, के. के. शर्मा, जोधपुर के डी. सी. जैन, जयपुर के अशोक सिंह, कोटा के अमृत कलश, गुजरात के पी. पी. पांडे, मध्यप्रदेश के एम. आर. कृष्णा, वी. के. माहेश्वरी शामिल थे।