उदयपुर। उदयपुर किस राह पर जा रहा है। इस पर विचार करने का समय है। दस साल पहले के उदयपुर और आज के उदयपुर में कितना फर्क आ गया है और क्यों ? इस पर जरूर विचार करने की आवश्यकता है। गत 5-6 वर्षों से दिन-ब-दिन जमीनों के बढ़ते भावों को लेकर हर आम-ओ-खास के दिमाग में यही प्रश्न था कि आखिर जमीनों में ऐसा क्या हो गया है कि इनके दाम आसमान को छू रहे हैं।
फिर समय के अनुसार धीरे-धीरे किश्तों में प्लॉट देने की प्रथा भी चल पड़ी और इसके साथ ही प्लॉट के साथ गिफ्ट आदि भी दिए जाने लगे। इस बात को अभी एक वर्ष भी नहीं हुआ और इस सारे भानुमति के पिटारे की पोल खुल पड़ी। पहले दिव्यांशु इन्फ्रा के नाम से जिन पार्टनर्स ने मिलकर डबोक के आसपास जमीन लेकर प्लॉट काटे थे उनके खिलाफ पीडि़त लोगों ने मामला दर्ज कराया। मामला दर्ज कराने के बाद इन पार्टनर्स में से ही एक ने अपने मुख्य पार्टनर पुष्कर डांगी के खिलाफ पैसे ऐंठने का अलग मामला दर्ज करा दिया। हालांकि मामला दर्ज कराकर उक्त व्यक्ति तो पीडि़त लोगों के साथ हो गया लेकिन उसे भी कठघरे से बाहर कैसे माना जा सकता है?
यह मामला ठण्डा भी नहीं हुआ कि संस्कार वैली प्रोजेक्ट के नाम से तीन वर्ष पूर्व जोर-शोर से अखबारों में एक-एक पेज के विज्ञापन से प्रचार प्रसार करने वाली कंपनी के अमित गंगानी का घर पर छोड़ा गया नोट शंका पैदा कर रहा है। अमित घर पर छोडे़ गए नोट में लिख गया कि ऋण माफिया से वह बहुत परेशान है।
उधर अमित के पिता रिटायर्ड फौजी ने भी पुलिस में कथित ऋण माफिया के खिलाफ मामला दर्ज करा दिया। इसमें फिर मोड़ तब आया जब सिंधी समाज के लोगों ने अमित एवं उसके पिता के एक साथ होने का आरोप लगाते हुए उन पर समाज के कई लोगों से पैसे ऐंठने का आरोप लगाया। समाज के लोगों ने बताया कि अमित व उसके पिता ने समाज के कई लोगों को गुमराह कर उनकी जिन्द गी भर की कमाई ऐंठ ली और अब अमित गायब हो गया। लोगों ने अमित व उसके पिता के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
यह कोई पहला या दूसरा मामला नहीं है। ऋण माफिया के पहले भी कई मामले सामने आ चुके हैं। गोवर्धन विलास थाने में होटल सहेली पैलेस के प्रमोद छापरवाल ने उक्त कथित ऋण माफिया के खिलाफ पैसे ऐंठने का पहले भी मामला दर्ज कराया था। लोगों का मानना है कि पहले जब उक्त ऋण माफिया पैसे उसको अधिक ब्याज या मीटर पर दे रहे थे और उसे कहा भी गया होगा कि इस दर से पैसे लगेंगे तो अमित ने इतनी ऊंची दर देकर पैसे क्यों लिए?
जल्दी-जल्दी पैसे कमाने की होड़ में क्यों युवा देखता ही नहीं है कि वह किस तरीके से पैसा कमा रहा है। ईमानदारी से कोई क्यों पैसा कमाना नहीं चाहता? क्यों होड़ा-होड़ी में लगकर अपनी जेब भरना चाहता है।