महाराणा प्रताप कृषि विश्वविद्यालय की एकेडमिक कौंसिल की बैठक
कई विषयों में पीएचडी शुरू करने की अनुशंसा
उदयपुर। महाराणा प्रताप कृषि एंव प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय उदयपुर की अकादमिक परिषद की बैठक कुलपति सचिवालय मे शनिवार को सम्पन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. ओ. पी. गिल ने की। बैठक मे मुख्य रूप से निम्न मुद्दों की स्वीकृति दी गई।
विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित विभिन्न परीक्षाओं के परीक्षकों के मानदेय में बढ़ोतरी के प्रस्ताव को मंजूर कर लिया गया। विभिन्न विषयों में विद्यावाचस्पति (पीएचडी) पाठयक्रमों में सेवारत अभ्यर्थियो हेतु अतिरिक्त सीटों की अनुशंसा की गई। विश्वविद्यालय की विवरणिका वर्ष 2012-13 का अनुमोदन किया गया। कम्प्यूटर विज्ञान प्रौद्योगिकी में विद्यावाचस्पति आरम्भ करने की अनुमति दी गई। विश्वविद्यालय के अकादमिक कलेण्डर का अनुमोदन किया गया।
इलेक्ट्रोनिक्स एवं कम्यूनिकेशन अभियांत्रिकी में विद्यावाचस्पति आरम्भ करने का अनुमोदन किया गया। स्ट्रक्चेरल अभियांत्रिकी में एमटेक आरम्भ करने का अनुमोदन किया गया। कटाई उपरान्त प्रौद्योगिकी में एमटेक आरम्भ करने का अनुमोदन किया गया। विश्वविद्यालय के प्राध्यापक, सह-प्राध्यापक एवं सहायक प्राध्यापक नियुक्ति हेतु आदर्श योग्यता का अनुमोदन किया गया। विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों मे विश्वविद्यालय के कर्मचारियों कें आश्रित अभ्यर्थियों हेतु सीटों का आरक्षण 2 प्रतिशत से बढ़ाकर 5 प्रतिशत करने, विभिन्न विषयों मे विद्या वाचस्पति पाठयक्रमों में सेवारत अभ्यर्थियो हेतु अतिरिक्त सीटों की अनुशंसा की गई। राजस्थान कृषि महाविद्यालय के पौध व्याधि विभाग की अनुशंसा पर इक्रीसैट के सेवानिवृत मुख्य वैज्ञानिक डॉ. आर. पी. ठाकुर एवं राजस्थाकन कृषि महाविद्यालय के सेवानिवृत प्रोफेसर डॉ. एच. एन. गौड़ को विश्वविद्यालय से अनुबद्ध प्रोफेसर के रुप मे मान्यता के प्रस्ताव की अनुशंसा की गई।
कुलसचिव डॉ. पी. के. गुप्ता ने बताया कि बैठक मे विश्वविद्यालय के आवासीय अनुदेशन निदेशक डॉ. जी. एस. चौहान, अनुसंधान निदेशक डॉ. पी. एल. मालीवाल, प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ. आई. जे. माथुर, विभिन्न महाविद्यालयों के अधिष्ठाता, पुस्तकालयाध्यक्ष, परीक्षा नियंत्रक, वित नियंत्रक भूपेश माथुर, विभिन्न संकायों के अध्यक्ष, प्रतिनिधि एवं अन्य सहयोजित सदस्य उपस्थित थे।