मुख्य सचिव ने संभागस्तरीय बैठक
निशुल्क दवा वितरण योजना गरीबों के लिए वरदान
उदयपुर। राज्य के मुख्य सचिव सी. के. मैथ्यू ने कहा कि प्रदेशवासियों को शुद्घ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए 3 हजार करोड़ रुपए पानी पर खर्च किये जा रहे है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि शुद्घ पेयजल उपलब्ध होने से प्रदेश को विशेष दर्जा प्राप्त हो सकेगा।
वे शनिवार को संभागीय आयुक्त कार्यालय में आयोजित संभाग के जिला कलक्टर्स, जिला पुलिस अधीक्षकों सहित संभाग के उच्चाधिकारियों की समीक्षा बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा वितरण योजना से उन गरीबों को भी नि:शुल्क इलाज का अवसर मिला जो धन के अभाव में इलाज नहीं करवा सकते थे, यह योजना इनके लिए वरदान साबित हुई। उन्होंने कहा कि हुडको से ऋण लेकर प्रदेश में मुख्यमंत्री ग्रामीण बीपीएल आवास योजना के तहत 10 लाख बीपीएल परिवारों को पक्के आशियाने उपलब्ध कराने की योजना पूरे देश भर में एक अनूठी योजना है।
उन्होंने सभी जिला कलक्टर व पुलिस अधीक्षकों से कहा कि वे संवेदनशील व आपसी समन्वय बनाकर योजनाओं का क्रियान्वयन कर लोगों को राहत पहुंचाएं। उन्होंने जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग एवं बिजली विभाग के अधिकारियों से कहा कि वे नियमित रुप से समन्वित बैठक आयोजित कर क्षेत्र में आने वाली समस्याओं का तत्काल निराकरण करें।
मुख्य सचिव ने कहा कि अवैध खनन की रोकथाम में जिला प्रशासन की महत्वपूर्ण भूमिका है। जिला कलक्टर एवं पुलिस अधीक्षक तय कर लें तो उनके क्षेत्र में कभी भी अवैध खनन नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने हाल ही 40 हजार शिक्षकों की भर्ती की परीक्षा सम्पन्न कर ली है। इसके अलावा और पदों के लिए भी भर्ती की प्रक्रिया की जा रही है। यह प्रक्रिया पूर्ण होने पर रिक्त पद भर जायेंगे जिससे काफी राहत मिलेगी।
संभागीय आयुक्त डॉ. सुबोध अग्रवाल ने जनजाति क्षेत्र में आयोजित फ्लेगशिप कार्यक्रम की क्रियान्विति की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में संचालित छात्रावासों में स्टाफ की कमी है जिसके कारण इनकों संचालित करने में कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
पुलिस महानिरीक्षक टी. सी. डामोर ने बताया कि संभाग के चितौडगढ एवं प्रतापगढ़ जिले ज्यादा संवेदनशील है। इन जिलों में अपराधों की रोकथाम के लिए विशेष प्रयास किये जा रहे है। उन्होंने विभाग में वाहनों की कमी एवं आवासीय भवनों की मरम्मत करवाने पर जोर दिया। इस पर मुख्य सचिव ने कहा कि भवनों की मरम्मत एवं वाहनों की उपलब्धता के लिए शीघ्र कार्यवाही की जायेगी।
बैठक में उदयपुर जिला कलक्टर हेमन्त कुमार गेरा ने बताया कि जिले के सुदूर कोटडा मुख्यालय पर सभी कार्मिकों का ठहराव सुनिश्चित करने के लिए आवासीय भवन बनाया जा रहा है। इस अत्याधुनिक भवन में वाचनालय सहित कम्प्यूटर आदि सुविधाएं हो सकेगी। जिससे कार्मिकों को परिवार सहित मुख्यालय पर ही रहकर कार्य करने में सुविधा मिलेगी। उन्होंने पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत की जा रही कार्यवाही से भी अवगत कराया। उन्होंने बताया कि जिले की अधिकतम सीमा निकटवर्ती गुजरात राज्य से जुडी होने से आदिवासी वहां जाकर लिंगानुपात को प्रभावित कर रहे है।
बैठक में प्रशासनिक सुधार विभाग के शासन उपसचिव, जिला कलक्टर (बांसवाडा) के.बी.गुप्ता, श्रीमती पूनम (डूंगरपुर), रवि जैन (चितौडगढ), डॉ. प्रितम बी यशवन्त (राजसमंद), प्रतापगढ के अतिरिक्त जिला कलक्टर, उदयपुर के जिला पुलिस अधीक्षक एच.पी.शर्मा, डूंगरपुर के राहुल जैन, बांसवाडा के डी.एस.चंूडावत, प्रतापगढ के प्रवीण शर्मा, राजसमंद एवं चितौडगढ़ के जिला पुलिस अधीक्षक सहित चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के सहायक निदेशक, अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक, महाराणा भूपाल राजकीय चिकित्सालय के अधीक्षक डॉ.डी.पी.सिंह, आर.एन.टी.मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एस.के. कौशिक सहित संबंधित विभागों के अधिकारीगण मौजूद थे।