रेल हादसों से निपटने को भी बनाया ऑटोमेटिक कंट्रोल सिस्टम
गिट्स छात्रों का बनाया प्रोजेक्ट टेक्सास इंस्ट्रूमेंट इंडिया से पुरस्कृत
उदयपुर. अब घर, होटल, औद्योगिक क्षेत्र आदि में एलपीजी लीक होते ही पता चल जाएगा। यह ऑटोमेटिक यंत्र न सिर्फ रिसाव रोकेगा बल्कि होने वाले हादसों ये आगाह करने के लिए अलार्म भी बजा देगा। यही नहीं रेलवे क्रॉसिंग पर होने वाले दुर्घटनाएं रोकने के लिए भी एक कंट्रोल सिस्टम बनाया गया है।
ये यंत्र तैयार हुए हैं गीतांजली इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नीकल स्टडीज में जहां अंतिम वर्ष के छात्रों ने ओटोमेटेड नेचुरल गैस शट ऑफ वाल्व सिस्टम और ऑटोमेटिक रेलवे गेट कंट्रोल एंड ट्रेक स्विचिंग एंड आरएफ कंट्रोल सिस्टम तैयार किया है।
इंस्टीट्यूट के अंतिम वर्ष के छात्र नीरज ओझा, श्वेरता, प्राची जैन व विभूति वशिष्ठे ने ऑटोमेटेड नेचुरल गैस शट ऑफ वाल्व सिस्टम तैयार किया है। यह सिस्टम घरों, होटलों आदि में काम में ली जाने वाली एलपीजी, औद्योगिक क्षेत्र में काम में ली जाने वाली अन्य गैस का रिसाव होते ही रिसाव बंद करने के साथ ही अलार्म बजा देगा। इससे गैस हादसे रोकने में मदद मिलेगी। यह प्रोजेक्ट माइक्रो कंट्रोलर की सहायता से सेंसर द्वारा गैस लिकेज का पता लगा कर गैस प्रवाहित करने वाले सोलीनोइड वाल्व को ऑटोमेटिक बंद कर देता है। यह प्रोजेक्ट टेक्सास इंस्ट्रूमेंटस इंडिया से पुरस्कृत भी हो चुका है। यह प्रोजेक्ट संस्थान के प्रवक्ता सौरभ पालीवाल के निर्देशन में बनाया गया है।
बढ़ती रेल दुर्घटनाओं को रोकने के लिए संस्थान के छात्रों अथर्व शर्मा, अरविंद कुमार आम्लया, भूपेन्द्र कुमार सेन तथा भूपेन्द्र सिंह परिहार ने ऑाटोमेटिक रेलवे गेट कंट्रोल एंड टे्रक स्वीचिंग एंड आरएफ कंट्रोल मॉडल बनाया है। इससे जैसे ही ट्रेन सिग्नल के पास आती है, ट्रेन को सेन्सर द्वारा सेन्स कर स्वचालित रूप से गेट बन्द हो जाएगा साथ ही ट्रेन के आउटर सिग्नल पर पहुंचते ही गेट स्वत: खुल जाएगा। यह प्रणाली मानव रहित होने के कारण दुर्घटनाएं रोकने में सहायक होगी। वहीं यह प्रणाली आमने—सामने एक ही ट्रेक पर ट्रेन आने पर सेन्सर के माध्यम से ट्रेन का पता लगाकर ट्रेन को स्वत: ही अन्य ट्रेक पर भेज देगा। यह प्रोजेक्ट विभागाध्यक्ष राजीव माथुर के निर्देशन में बनाए गए है।