विज्ञान महाविद्यालय में महेन्द्र सिंह मेवाड़ ने किया
उदयपुर। विज्ञान महाविद्यालय में स्थाहपित महाराणा भूपाल सिंह की अष्टिधातु प्रतिमा का अनावरण गुरुवार को मेवाड़ राजघराने के महेन्द्रसिंह मेवाड ने किया। महेन्द्रसिंह मेवाड़ ने कहा कि शिक्षक नई पीढी को अपने ज्ञान और मार्गदर्शन से ऐसे संस्कार दे कि वह अपनी कुशलता से समाज को सशक्त बना सकें।
उन्होंने कहा कि नई पीढी नई तकनीक और ज्ञान से युक्त है लेकिन प्रतिशत की प्रतिस्पर्द्धा और उससे बाद नौकरी में जुडे सेलरीज और पैकेज ने व्याक्ति को स्वकेन्द्रित कर दिया है। आज ऐसी पीढी की जरुरत हे जो अपने ज्ञान से समाज का भी भला कर सके। उन्होंने अपने दादा महाराणा भूपाल सिंह की स्मृतियों को याद करते हुए कहा कि उन्होंने मुझे सदैव ईमानदारी का पाठ पढाया।
उन्होंने मेवाड़ स्टेट की प्रजा के लिए कई काम किए जिसमे स्कूल, अस्पताल और कई जनकल्याणकारी काम शामिल है। जल संसाधन के बचत की बात पर जोर देते हुए उन्होंमने कहा कि आने वाले समय में आदमी की प्रतिष्ठा इस बात से नहीं होगी कि उसके पास कितनी बडी गाडी है बल्कि इस बात से होगी कि वह कितने बाल्टीइ पानी से नहाता है।
कार्यक्रम के अध्य क्ष और सुविवि के कुलपति प्रो आईवी त्रिवेदी ने महाराणा भूपालसिंह की स्मृति में विश्वविद्यालय की ओर से एक व्याख्यानमाला आयोजित करवाने की बात कही। वरिष्ठ भाजपा नेता रणधीर सिंह भींडर ने राजपरिवार से जुडी यादों का ताजा किया और प्रतिमा स्थापना पर विवि प्रशासन को बधाई दी। मंच पर महाराणा प्रताप कृषि विवि के कुलपति प्रो ओपी गिल तथा विज्ञान महाविद्यालय के पूर्व अध्यक्ष भगवत सिंह राणावत भी उपस्थित थे। प्रतिमा के स्थापना में मूर्ति तथा परिसर निर्माण में करीब 15 लाख रुपए की लागत आई जो कि विज्ञान एवं वाणिज्यम महाविद्यालय ने अपने लोकल फंड से दिया। मूर्ति का निर्माण जयपुर के कलाकार तरुण कुमार पंडित ने किया। विज्ञान महाविद्यालय के डीन प्रो महीप भटनागर ने सभी अतिथियों का स्वापगत किया जबकि वाणिज्यि महाविद्यालय के डीन प्रो डीएस चुंडावत ने धन्यतवाद दिया। कार्यक्रम का संचालन कुलदीप सिंह ने किया।