जमकर बरसे मानसूनी बदरा
udaipur. वो बरसात की शाम, वो सूरजपोल रोड का जाम, वो FS की हवा, वो एमबी हॉस्पिटल की दवा, वो बापू बाजार की शॉपिंग, वो मोबाइल की टॉकिंग, वो गर्मागर्म कचौरी और सूजी के पताशे…..
वो होटल का खाना, जिसका सारा जहां दीवाना, वो टाउनहाल पर पाव-भाजी का आनंद, वो प्रेमी के पान का गुलकंद, वो एफएस की सड़कें, जहां कितने दिल धड़के, वो मस्ती की बातें, ऐसी है कुछ उदयपुर की यादें….. सोमवार को शहर में बारिश होते ही मोबाइल पर कुछ ऐसे ही बारिश के संदेशों का आदान-प्रदान शुरू हो गया। हालांकि इसे मानूसन की बारिश कहें या प्री मानसून .. इस पर कुछ स्प ष्ट, जवाब नहीं मिल पा रहा है। कल रात्रि की बारिश के बारे में प्री मानसून की बात कही गई थी वहीं आज दिन भर बरसे बदरा मानूसन का आगाज बता रहे हैं।
बारिश जहां बच्चों की बैरन बनकर सोमवार को शहर में बरसी वहीं शहरवासियों को गत 5-6 दिन से पड़ रही तेज गर्मी से निजात दिला गई और किसानों के लिए अमृत बनकर आई। रविवार को ही राज्य सरकार ने गर्मी के मद्देनजर स्कूलों में पहली से आठवीं कक्षा के बच्चों के लिए 8 जुलाई तक अवकाश घोषित कर दिए थे। इधर अवकाश घोषित करना हुआ और सोमवार को अच्छी वर्षा ने बच्चों के मंसूबों पर पानी फेर दिया। हालांकि जिला कलक्टर Hemant gera ने स्पष्ट किया कि तापमान तो वैसे भी अधिक नहीं था लेकिन मौसम में नमी और आर्द्रता से जो गर्मी की तपन थी, उससे राहत दिलाने के लिए अवकाश घोषित किया गया। अगर वर्षा दो-तीन दिन लगातार रहती है तो जरूर इस पर विचार किया जाएगा।
रविवार देर रात करीब 12.30 बजे और फिर सुबह से छाये बादलों ने शहरवासियों की उम्मीदें जगा दीं। दोपहर में बदरा करीब आधे घंटे तक जमकर बरसे। फिर शाम करीब 6.15 बजे वापस शुरू हुई बारिश भी 20-25 मिनट तक हुई। भीतरी इलाकों में नालियों की गंदगी बाहर आ गई। दुपहिया वाहन चालक जहां थे, वहीं रुक गए। युवाओं ने भीगने का भरपूर आनंद लिया। शाम को बारिश थमते ही लोग फतहसागर पहुंचे जहां गर्मागर्म भुट्टों का आनंद लिया। कहीं कहीं पेड़ व बिजली के खम्भे गिरने से बिजली आपूर्ति भी बाधित हुई। मौके पर पहुंची पुलिस व सम्बन्धित विभाग के अधिकारियों ने व्यवस्था बहाल करवाई।
किसान भी खेतों में पहुंच गए। आसपास के क्षेत्रों में अच्छी बारिश होने के बाद किसानों के चेहरे की खुशी देखते ही बनी। बावणी करने किसान सपरिवार खेतों में पहुंचे और इन्द्रदेव का आभार जताया।