भाजपा व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेशाध्यक्ष ने ली उदयपुर में बैठक
उदयपुर. केंद्र सरकार एफबीआई के माध्यम से विदेशी व्यापारियों को भारत में आमंत्रित कर रही है। जिसका मूल उद्देश्य यह है कि यहां व्यापार कर छोटे व्यापारियों का धंधा चौपट करना। ये विदेशी व्यापारी यहां आकर अपना माल बेचेंगे और मुनाफा कमा कर वापस अपने देशों को चले जाएंगे। ऐसा ही पूर्व में हुआ था, जब हमारा देश गुलाम बन गया था।
इस बार भाजपा व्यापार प्रकोष्ठ हमारे व्यापारियों के साथ ऐसा नहीं होने देंगे। एफबीआई के माध्यम से देश में विदेशी व्यापारियों को नहीं आने दिया जाएगा। यह विचार भाजपा व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेशाध्यक्ष मुकेश पारीख ने बतौर मुख्य अतिथि शुक्रवार को व्यक्त किए। अवसर था, व्यापार प्रकोष्ठ के राज्य स्तरीय समारोह की तैयारी बैठक का। इस अवसर पर प्रकोष्ठ के संभाग प्रभारी तनवीरसिंह कृष्णावत ने कहा कि केंद्र सरकार ने यदि शीघ्र ही वायदा कारोबार को बंद नहीं किया तो भाजपा के विरोध में उतर जाएगी, जिसका हर्जाना भी सरकार को ही उठाना पड़ेगा।
महंगाई का कारण है वायदा
कृष्णावत ने बताया कि वर्तमान में जिस स्तर पर महंगाई बढ़ी है, उसका सबसे प्रमुख कारण वायदा कारोबार ही है। इसके लिए केंद्र के दो मंत्री जिम्मेदार है। इसमें पी. चिदंबरम और शरद पंवार शामिल है। यह दोनों मंत्री ऐसे दोमुखी बयान जारी कर इस कारोबार को बढ़ावा दे रहे हैं। इनके बयानों को सुनकर वायदा कारोबार माल की कीमत और घटा एवं बढ़ा देते हैं। इसका सीधा असर महंगाई पर पड़ता है। जिससे आम आदमी को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
बीजेपी में सर्वाधिक संख्य व्यापारियों की
व्यापार प्रकोष्ठ के महामंत्री राजमल जैन ने बताया कि बीजेपी में सर्वाधिक संख्या व्यापारियों की है। समय की कमी के कारण इन व्यापारियों को मीटिंग एवं अन्य आयोजनों में हिस्सा नहीं मिलता है। भाजपा की भावना रही है कि प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष कार्यकर्ताओं की सुरक्षा के संबंध में सोचे। इस कारण गत वर्ष भी टैक्स में सरलीकरण के कार्य किए गए थे। इसके लिए वर्तमान में व्यापारियों की सुरक्षा व्यवस्थ को लेेकर भी प्रयास जारी है। इससे पूर्व भाजपा शहर जिलाध्यक्ष दिनेश भट्ट ने मुकेश पारीख को उपर्णा एवं शॉल ओढ़ाई एवं पगड़ी पहनकर स्वागत किया। इस अवसर पर लोकेश द्विवेदी, कुंतिलाल जैन, विनोद बंसल, चंचल अग्रवाल, प्रकाश बाबेल, संजय गोस्वामी, जयप्रकाश भंडारी तथा सतीश अग्रवाल ने भी विचार व्यक्त किए।