कृषि महाविद्यालय में पौधरोपण
udaipur. राजस्थान कृषि महाविद्यालय के शस्य विज्ञान व पादप कार्यिकी विभाग की ओर से शनिवार को महाविद्यालय में वृक्षारोपण किया गया। वृक्षारोपण मे विभिन्न किस्म के पौधे लगाये गए।
विश्वविद्यालय के कर्मचारियों, विद्यार्थियों तथा संकाय सदस्यों को संबोधित करते हुए महाराणा प्रताप कृषि व प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर ओ. पी. गिल ने कहा कि यदि पृथ्वी पर जीवन बचाना है तो पेड़ लगाओ, जंगल बचाओ। उन्होंने कहा कि औद्यौगिक क्रांति के बाद वनो का विनाश तीव्र गति से हुआ किन्तु फिर भी 19 वीं शताब्दी के प्रारम्भ में पृथ्वी के 70 प्रतिशत भाग पर वन थे। वनों के निरन्तर विनाश के कारण वर्तमान मे पृथ्वी पर केवल 31 प्रतिशत भाग पर ही वन रह गये हैं।
भारत वर्ष में इनकी स्थिति बहुत अधिक चिन्तनीय है, यहां केवल 23.8 प्रतिशत क्षेत्र पर वन है, जबकि स्वास्थ्य परिस्थितिक तंत्र के लिए 33 प्रतिशत भाग पर वन होना आवश्यक है। राजस्थान में केवल 9.5 प्रतिशत क्षेत्र पर ही वन है। वनों की निरन्तर कटाई भी वैश्विक ताप वृद्धि का मुख्य कारण है, अत: वर्तमान परिस्थितियों मे पर्यावरण को सन्तुलित रखने के लिए वृक्षारोपण एक कारगर उपाय है। कुलपति ने आव्हान किया कि अधिक से अधिक पेड़ लगाकर पर्यावरण को संतुलित करने मे अपना योगदान देकर पृथ्वी को बचाने में सहयोग करें।
महाविद्यालय के अधिष्ठावता डा. एस. आर. मालू, विभागाध्यक्ष डा. गणपत सिंह चौहान एंव समस्त विद्यार्थियों, कर्मचारियो तथा संकाय सदस्यों ने भी पौधरोपण किया। अधिष्ठाता ने बताया कि महाविद्यालय परिसर मे लगातार एक पखवाडे तक पौधरोपण अभियान चलाया जायेगा। विभागाध्यक्ष डा. चौहान ने बताया कि राजस्थान में विभिन्न तरह की जलवायु और मृदा पाई जाती है, अत: पेड़ों की कई तरह की प्रजातियों को सफलतापूर्वक उगाया जा सकता है।
Such type of programs starts in monsoon period only……. we all known the faith of the saplings planted…..