कारागृह में प्रवचन
udaipur. साध्वी ममताश्री ने कहा कि मानव जीवन बहुत अमूल्य है। यह हमारा सौभाग्य है कि हमें यह जीवन निर्वाह करने का मौका मिला है। इसे ऐसे ही व्यर्थ में समाप्त न होने दें। हमें आज के परिवेश में यह संकल्प लेने की आवश्यकता है कि हम अपने जीवन का उपयोग सद्कार्यों में अधिकाधिक करने का प्रयास करेंगे।
साध्वीश्री सोमवार को उदयपुर के केन्द्रीय कारागृह में महावीर जैन समिति सेक्टर 5 की और से वीरमती मसा की 17 वीं पुण्यतिथि तथा रक्षाबंधन, रमजान और जन्माष्टमी के पावन मौके पर आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित बंदियों को प्रेरणा पाथेय प्रदान कर रही थी। उन्होंने गुणीमया का स्मरण करते कहा कि आज के दिन हम सभी आपसे कुछ लेने आए है।
अपने जीवन के सभी दुर्गणों को हमारी झोली में डाल दो और जीवन की अच्छाईयों को सहेजने का प्रयास करो। जीवन में अच्छाईयां होगी तो स्वयं के साथ-साथ परिवार के अन्य सदस्यों में भी हर्ष का माहौल बन सकेगा। लगभग 1500 कैदियों पर ज्ञान की बारिश करते हुए उन्होंने कहा कि कानून की निगाह से तो बचा जा सकता है पर कर्मो से बचना अत्यंत कठिन है आप संकल्प कीजिए कि जेल से निकलकर आप सच्चे नागरिक बनेंगे। आपके लिए हम प्रभु से यही अर्ज लगाते है कि आप शीघ्रतिशीघ्र इस चार दिवारी से बाहर शुद्ध भावनाओं से ओत-प्रोत होकर अपने परिवार का निर्वाह करें। महासती मधुर वक्ताश्री सुमन मसा ने कहा कि भक्त सच्चे मन से प्रभु का स्मरण करता है तो भगवान को भी आना पड़ता है। उन्होंने गीत का संगान करते हुए कहा कि आज समय बहुत बदल गया है। तन,मन और धन का सहयोग करने वाला कोई भी नहीं है। ऐसे हालात में हम बुराईयों को अपने जीवन से निकालने और अच्छे विचारों के समावेश पर चिंतन करें। आज इन्हीं बुराईयों के कारण जेल की चारदिवारी में जीवन कैद होकर रह गया है। यहां स्वयं परेशान है और बाहर की दुनियां में सगे-संबंधी विचलित है। हमें आज यह संकल्प लेने की आवश्यकता है कि जीवन में दुबारा इस तरह का कृत्य नहीं करें जिससे इस चारदिवारी के भीतर वापस आने का मौका पड़े। जीवन ऐसे ही बर्बाद करने का नहीं अपितु कुछ अच्छा कार्य कर दिखाने के लिए मिला है। इसलिए इसका सदुपयोग करें। साध्वी विजयश्रीजी ने कहा कि आज हम यहां न तो वोट लेने आए है और नहीं नोट। हम तो बस आपके मन में व्याप्त खोट को लेने आए है। जीवन का आधा पड़ाव व्यतीत हो चुका है। अब शेष जीवन को परोपकार के कामों में लगाने की आवश्यकता है। ठोकरें आदमी को जीना सिखा देती है। हम गल्तियों में सुधार करें तो इंसानियत स्वत: ही जीवन में आ जाएगी। इससे पूर्व साध्वी विधिजी मसा ने मंगलाचरण प्रस्तुत करते हुए कहा कि जीवन में व्याप्त नशा व्यक्ति को दुराचरण करने को विवश करता है। हम व्यसन को त्यागने का प्रयास करें तभी हमारा जीवन खुशहाल और सुखमय बन सकेगा। बड़ीसादड़ी पंचायत समिति की पूर्व प्रधान श्रीमती भगवतीदेवी झाला ने मेवाड़ी भाषा में संबोधन देते हुए दिवस की प्रासंगिकता पर विचार व्यक्त किए। पुष्करवाणी ग्रुप ने बताया कि दो घंटें चले इस समारोह में पद्मावती महिला मण्डल की श्रीमती अल्का जैन, श्रीमती मंजु ङ्क्षसघवी आदि सदस्याओं ने कैदियों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधकर शुभ कामनाएं व्यक्त की। इस दौरान उपाधीक्षक रामावतार शर्मा, उपकारापाल भैरूसिंह, अध्यापक भागीरथ का महावीर जैन समिति सेक्टर ५ के अध्यक्ष भगवतीलाल मोगरा, मंत्री पी.के.डागा, मोहनलाल मेहता, छोगालाल तलेसरा, जितेन्द्र धींग ने माला और शॉल ओढ़ाकर सम्मान किया। सहमंत्री मांगी लाल जैन ने कार्यक्रम में सहयोग करने वाले सभी अधिकारियों का आभार व्यक्त किया एवं रमेश चंद जैन (विनाना वाले) नरेला दिल्ली की ओर से प्रभावना वितरित की गई। इस अवसर पर संभागीय कोषाध्यक्ष नानालाल कोठारी, बाबूलाल वीरवाल मेड़ता सहित जेल प्रशासन उपस्थित था।