उदयपुर। आचार्य सुकुमालनन्दी महाराज ने कहा कि आम व्यक्ति अपने भवनों,इमारतों, घरेां को तो चमका देते है लेकिन इन सभी के बीच वे अपनी आत्मा को चमकाना भूल जाते है।
वे आज हिरण मगरी से.11 स्थित आदिनाथ भवन में आयोजित धर्मसभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होनें कहा कि हमनें अब तक अपने पुद्गल को बहुत चमका दिया लेकिन अब आत्मा को चकमाने की बारी है। आत्मा का शुद्धिकरण करना है। हमें अपनी आत्मा को ने केवल चमकाना है वरन् उसे संस्कारित भी करना है। हम जड़ द्रव्य के लिए लाखों रूपयें खर्च करते है लेकिन चेतन आत्मा की ओर ध्यान ही नहीं दे पाते है। इसलिए उसके लिए अब हमें पुरूषार्थ करना होगा। चातुर्मास संयोजक भंवरलाल मुंडलिया ने बताया कि इस अवसर पर आचार्र्य ने ऐतिहासिक वर्षायोग 2012 की आमंत्रण पत्रिका का विमोचन किया।