udaipur. भील समाज का लोकप्रिय लोक नृत्य गवरी आयोजन की धूम इन दिनों चरम पर है. यह रक्षा बंधन के बाद से शुरू होता है. गवरी आदिवासियों का परम्परागत नृत्य अनुष्ठान है जो दक्षिणी राजस्थान की संस्कृति का अभिन्न अंग है.
प्रति वर्ष यह खेल खेलने का गाँव के लोग संकल्प करते हैं. प्रति वर्ष अलग-अलग गाँवों में खेल लेते हैं ओर फिर अलग-अलग जगह इसका मंचन करते हैं. इस खेल में महिला कलाकार कोई नहीं होती. महिला का किरदार भी पुरुष उसकी वेश भूषा धारण कर निभाते हैं. खेल में डाकू, चोर-पुलिस आदि कई तरह के खेल होते हैं. इन्हें गाँवों में आमंत्रित भी किया जाता है. सोमवार को शहर के समीप गांव में गवरी नृत्य का मंचन हुआ.