विधानसभा में जन्नूभाई की भूमिका विषय पर पीएचडी
udaipur. जनार्दन राय नागर लोक नेता थे। जो दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सत्तापक्ष के विधायक होते हुए भी सदन में कटौती प्रस्ताव पेश करते थे। जबकि सदन की परंपरा के अनुसार विपक्ष ही सदन में कटौती प्रस्ताव पेश करता था।
उनकी राजनीति लोकहित आधारित थी। यह निष्कर्ष उर्मिला शर्मा ने विधानसभा में जन्नुभाई की भूमिका (1957 से 1962) शीर्षक पर की पीएचडी में निकाला है। यह शोध कार्य उन्होंने डॉ. हेमेंद्र चौधरी के पर्यवेक्षण में पूरा किया। शोध में बताया गया है कि जन्नुभाई ने विधान सभा में शिक्षा, आयुर्वेद चिकित्सा, भू राजस्व, सत्ता विक्रेदीकरण, लाल फीता शाही तथा अनुसूचित जाति और जनजाति जैसे विषयों पर विचार प्रकट किए। दहेज, मृत्युभोज तथा भिक्षावृति जैसी सामाजिक बुराइयों को लेकर भी उन्होंने सदन में चर्चा की थी।